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प्रवचन-सुधा प्रवचन माला, पुष्प :
मरुधर केशरी प्रवर्तक मुनि श्री मिश्रीमलजी महाराज
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प्रवचन :
प्रवचन
पृष्ठ संख्या : ४१२ प्लास्टिक कचर युक्त :
मूल्य : रु०
प्रकाशन वर्ष :
वि०स० २०३० आषाढ़ी पूर्णिमा :
पूज्य मरुधरकैसरीजी महाराज साहब के जोधपुर चातुर्मास (वि० सं० २०२७) के प्रवचनों की यह पांचवी पुस्तक है । इसमें ३० प्रवचन संकलित
प्रवचनो के विषय की विविधता को देखते हुए कहा जा सकता है कि इसमें इन्द्रधनुपी प्रवचन हैं । आत्मा, परमात्मा, एकता, संगठन विचारों की उदारता, दृढ़ता, समता, सहिष्णुता, मनकी पवित्रता, आस्था, ज्ञान, भक्ति आदि विभिन्न विषयों पर बड़े ही सुन्दर और भावोत्तेजक प्रवचन है ।
दीपावली पर उत्तराध्ययन सूत्र का वाचन स्वरूप एक ही प्रवचन में सम्पूर्ण उत्तराध्ययन का संक्षिप्त सार परिचय, रूप चतुदर्शी को स्वरूप दर्शन की भूमिका बनाना और पूर्णिमा के पवित्र दिन की स्मृति में धर्मवीर लोकाशाह की धर्म क्रांति का ऐतिहासिक परिचय यों कुल ३० प्रवचन अनेक दृष्टियो से पठनीय एवं मननीय है।
इन प्रवचनो में श्रद्धेय गुरुदेव का ओजस्वी निर्भीक व्यक्तित्व पद-पद पर झलकता दिखाई देगा। स्पष्ट भाषा मे सत्य को उजागर कर समाज की तन्द्रा तोड़ने वाले श्री मरुधर केसरी जी महाराज साहव के ये प्रवचन मन को तुरन्त प्रभावित कर देते हैं ।