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________________ मसघर केशरी प्रवर्तक प्रवचन-प्रभा मुनिश्री मिश्रीमलजी महाश..11 । प्रवचन माला, पुष्प . ६ . A GEET - TOP Kon पृष्ठ संख्या . ३४८ . प्लास्टिक कवर युक्त BLA मूल्य : ५)रु० प्रकाशन वर्ष : । वि०सं० २०२९ कार्तिक पूर्णिमा TTTTTTTI ज्ञान मनुष्य की तीसरी आँख है, इसी प्रथम सूत्र को लेकर प्रवचनो की यह शृखला चलती है जिसमे ज्ञान के साथ सम्यश्रद्धा, श्रद्धा से सुख-दुख मे समता, मोह को जीतने के उपाय, धर्म का स्वरूप, क्षमापना, सगठन, आत्मजागति, साधना के तीन मार्ग आदि विविध विपयो का विशद विवेचन 'प्रवचन प्रभा' में हुआ है। श्री मरुधर कैमरी जी महाराज साहब के प्रवचनो मे स्पष्टता, सजगता और वस्तु को विविध दृष्टातो के साथ प्रतिपादन करने की अद्भुत क्षमता है। जब पढने लगते हैं तो उपन्यास का सा आनन्द आता है। सुनने लगते है तो जैसे शाति के सरोवर मे गोते लगाने लगते हैं । जोधपुर चातुर्मास के ये प्रवचन सगठन, क्षमापना आदि सामयिक विपयो पर बडे ही नये दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हैं ।
SR No.010688
Book TitlePravachan Sudha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMishrimalmuni
PublisherMarudharkesari Sahitya Prakashan Samiti Jodhpur
Publication Year
Total Pages414
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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