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जातीय एकता : एक विचारणा
२६ उपाधि मिली है । अतः यहां अब नहीं ठहरना चाहिए । क्या औरतें बनना है ? कहने का आशय यह है कि जिस स्थान पर ठहरने से किसी को किसी प्रकार का वहम हो, वहां पर नहीं ठहरना चाहिए । भगवान ने जो मर्यादाएं वांधी हैं वे बहुत दूरदर्शिता से बांधी है। परन्तु आज उनको तोड़ने की तैयारी हो रही है।
प्रकृत मे मेरा आप सब लोगों से यही कहना है कि आप लोग पूर्वजों की बांधी हुई मर्यादाओं के रहरय को समझे और मूल उद्देश्य की रक्षा करते हुए जैसा जहा एकीकरण सम्भव हो करें। कही मूल पर ही कुठाराघात न हो जाय, इसका ध्यान रखें। ____ अपने आदर्शों को सुरक्षित रखते हुए यदि एकता और समन्वय हो सकता हो तो करे, किंतु आदर्श और सिद्धान्त का बलिदान देकर एकता और समन्वय करता घर फूककर तमाशा दिसाना है । वि० स० २०२७ आसोज सुदि ७
जोधपुरं