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२५४ ___ श्रीयशोविजयोपाध्याय कृत--
श्रीकुंथुनाथ जिन स्तवन ।
( ढाल मरकलडानी ) गजपुर नयरी सोहियेंजी साहिब गुणनिलो। श्रीकुंथुनाथ मुख मोहियेंजी साहिब गुणनिलो ॥ सूर नृपति कुल चंदोजी सा । श्रीनदन नावे वंदोजी ॥ सा ॥१॥ अजलंबन वंबित पूरेजी सा । प्रजु समरिओ सकट चूरजी सापांत्रीश धनुष तनु मानेजी सा। व्रत एक सहस अनुमानेजी॥सा ॥२॥आयु वरष सहस पंचागुंजी सा । तनु सोवन वान वखापुंजी सा ॥ समेत शिखर शिवपायाजी सा । साठ सहस मुनीश्वर रायाजी ॥ सा ॥ ३ ॥ षटशत वली साठ हजारजी सा । प्रजु साध्वीनो परिवारजी सा ॥ गंधर्व बला अधिकारीजी सा । प्रज्जु शासन सांनिधकारीजी ॥ सा ॥ ४ ॥ सुख दायक मुखने मटकेजी सा । लाखेणे लोयण लटकेजी सा ॥ बुध श्रीनय विजय मुर्णिदोजी सा । सेवकने दियो आणंदोजी ॥ सा॥५॥
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