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सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल की प्रमुख प्रवृतियाँ
[ मूल प्रेरक : प्राचार्य श्री हस्तीमलजी महाराज साहब ]
• आध्यात्मिक विचार एवं आचार का प्रचार व प्रसार हेतु मासिका जिनवाणी
पत्रिका का विगत २१ वर्षों से प्रकाशन.
समाज में ज्ञान एवं चरित्रवान सुश्रावकों, स्वाध्यायियों, योग्य धार्मिक अध्यापकों तथा मेधावी प्रचारकों को तैयार करने हेतु स्वाध्यायी एवं शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन करना.
समाज में प्रकाण्ड पण्डितों, विद्वानों एवं वक्ताओं को तैयार करने हेतु शिक्षण संस्थान का संचालन करना.
0 गांवों एवं नगरों में बालक-बालिकाओं तथा नवयुवकों प्रादि में धार्मिक संस्कार
डालने हेतु स्थानीय धार्मिक शिक्षण शिविरों तथा धार्मिक पाठशालाओं का संचालन करना.
• सन्त, मुनियों व महासतियांजी के चौमासों से वंचित क्षेत्रों में प—सरण-पर्व पर
शास्त्र व्याख्यान, चौपाई आदि वाचन हेतु योग्य स्वाध्यायियों को भेज कर जैन
संस्कृति के रक्षण व प्रचार एवं प्रसार में योगदान देना. ॐ समाज के विद्वान, चरित्रवान, समाज सेवियों का प्रति वर्ष गुरगी-अभिनन्दन
करना.
ॐ मुनियों व गृहस्थों के बीच का ब्रह्मचारी या साधक वर्ग तैयार करना.
७ भगवान महावीर की २५०० वीं निर्वाण शताब्दी को व्यापक एवं रचनात्मक
ढंग से मनाने हेतु विविध प्रकार के त्याग एवं प्रत्यास्थान करवाने हेतु अखिल भारतीय वोर निर्वाण साधना समारोह समिति का गठन.
• आगम एवं अन्य विविध प्रकार के सद् साहित्य का प्रकाशन करना.