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अध्याय / प्रकरण
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ਰਿਧ
अधीत ग्रन्थ- माला
어
मातुलोपाध्याययोः 'आनुकू' वा
आचार्यादि अणत्वं च
अर्थ-क्षत्रियाभ्यां वा स्वार्थे
योपध-प्रतिषेधे - गवय-मुकय- मनुष्य-मत्स्यानाम्
अप्रतिषेधः
मत्स्यस्य ड्याम्
श्वशुरस्योकारा कार- लोपश्च
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