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दृष्टि-दान
सुना है कि आजकल बहुत-सी बंगाली कन्याओंको स्वयं चेष्टा करके अपने लिए पति ढूँढना पड़ता है। मैंने भी यही बात की है, पर देवताकी सहायतासे । बाल्यावस्थासे ही मैं अनेक प्रकारके व्रत और शिवपूजा किया करती थी। ___ मैं पूरे पाठ बरसकी भी नहीं हुई थी कि मेरा विवाह हो गया। परन्तु पूर्व जन्मके पापके कारण मैं अच्छा पत्ति पाकर भी उसे सम्पूर्ण रूपसे न पा सकी। माता त्रिनयनीने मेरी दोनों आँखें ले ली। जीवनके अन्तिम मुहूर्त तक उन्होंने मुझे पतिको देख लेनेका सुख न दिया।
बाल्यावस्थासे ही मेरी अग्नि-परीक्षाका प्रारम्भ हुआ । मैं चौदह बरसकी भी नहीं हुई थी कि मैंने एक मृत शिशुको जन्म दिया। उस