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पृष्ठ संख्या पंक्ति संख्या
१
सन्दर्भ
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६४
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१३५
१३८
१४५
१५०
१६८
२०
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६
२१
३
६
३
९
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२०
६
१८
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२५
२
७
२३
१०
२०
२
३
१६
२४
११
३०
शुद्धिपत्रक
अशुद्ध पाठ
प
गूढ़पाद
क्र०सं० २.३.१
भावानात्मक
स्परूप
सरलता
कोलत
अनुभूतियां
नहूय मूला
इसमें
दिगम्बर
दिगम्बर
सती में
लग
तपागच्च
आनन्द
झखं
निसीनी कहां बताबुरं
धीरे
प्रिया
समता भावदशा
मांगे
पीरा
कुमती
चेतना-चेतना
में
समाभिरूढ़
घी
अपेक्षा
कलपना
शुद्ध पाठ
गूढ़वाद
क्र०सं०] १.२.३
भावनात्मक
स्वरूप
सरसता
झोलत
अनुश्रुतियाँ
नहयमूला
इससे
श्वेताम्बर
दिगम्बर
शती में
तक
तपागच्छ
आनन्दघन
झूरु
निसाणी कहां बतार्बुरे
पइए
थीरे
त्रिया
समता रूप स्वभाव दशा
भांगे
वीरा
कुमति
चेतन-चेतना
की
समभिरूढ़
धी
उपेक्षा
कल्पना
रड़बड़े