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________________ ३४४ आनन्दघन का रहस्यवाद नय-रहस्य-उपाध्याय यशोविजय (देखिए-न्यायाचार्य श्री यगोविजयजी कृत ग्रन्थमाला)। नयचक्रसार-श्रीमद् देवचन्द्र जी म० । नायाधम्म कहानोनाथ सम्प्रदाय-हजारीप्रसाद द्विवेदी, हिन्दुस्तानी एकेडमी, उ० प्र०, इलाहाबाद, १९५० । नारद भक्तिसूत्रनियमसार-आचार्य कुन्दकुन्द, जैन ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई, सन् १९१६ । निशीथ चूणि-(सभाष्य)-श्रीजिनदास गणि, सन्मति ज्ञानपीठ, लोहामण्डी, आगरा, प्रथम संस्करण, सन् १९५७ ।। निजानन्द-चरितामृत-रचयिता-पं० कृष्णदत्त शास्त्री, सम्पा०-६० हरिप्रसाद शर्मा, संत सभा श्री नवतनपुरी धाम, जामनगर, वि० सं० २०२१ । न्यायाचार्य-श्री यशोविजयजी कृत ग्रन्थमाला, श्री जैन धर्म प्रसारक सभा, भावनगर, विक्रम संवत् १९६५ । पंचास्तिकाय-आचार्य कुन्दकुन्द, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, तृतीय आवृत्ति, वि० सं० २०२५ । परमात्म-प्रकाश-योगीन्दु .:::..: ए० एन० उपाध्ये, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् रामचन्द्र आश्रम, अगास, तृतीय संस्करण, सन् १९७३। प्रश्नव्याकरण सूत्र-(पण्हावगरणं)-वृत्तिसहित, (प्रथम एवं द्वितीय खण्ड)-श्री ज्ञान विमलसूरि, सम्पा०-६० मफतलाल झवेरचन्द, श्रीमुक्ति विमल जी जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद, वि० सं० १९९५ । प्रवचनसार-कुन्दकुन्दाचार्य, प्रका०-श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, श्रीमद् रामचन्द्र आश्रम, अगास, तृतीय आवृत्ति, सन् १९६४ ।
SR No.010674
Book TitleAnandghan ka Rahasyavaad
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages359
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
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