________________
३४२
आनन्दधन का रहस्यवाद
छान्दोग्योपनिषद्-गीताप्रेस, गोरखपुर । जायसी ग्रन्थावली-पं० रामचन्द्र शुक्ल, काशी नागरी प्रचारिणी सभा,
काशी, १९२४ । जनदर्शन मनन और मीमांसा-मुनि नथमल, सम्पा०-विजय मुनि
शास्त्री, श्री सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, प्रथम संस्करण,
१९६६ । जैन ऐतिहासिक रासमाला-(भाग १) संशोधक-मोहनलाल दलीचन्द
देसाई, श्री गजान प्रगान्त-नानन्द, बम्बई, प्रथम
आवृत्ति, वि० सं० १९६९ । जैन तत्त्वादर्श-(उत्तरार्द्ध)-श्री आत्मारामजी म०, श्री आत्मानन्द जैन
महासभा, पंजाब, हेड आफिस, अंबाला शहर, तृतीय
संस्करण, ई० स० १९३६ । जैन मरमी प्रानन्दघन का काव्य-(लेख)-ले० आचार्य क्षितिमोहन सेन,
अंक 'वीणा', पत्रिका, वर्ष १२, अंक १, नवम्बर, सन् १९३८ । जैन काव्य दोहन-(भाग १)-संग्रहकर्ता-श्रीमनमुख लाल रवजी भाई
मेहता, अहमदाबाद, १९१३ । जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश-(भाग १-४)-क्षुल्लक जिनेन्द्र वर्णी, भारतीय
ज्ञानपीठ प्रकाशन, प्रकाशन कार्यालय, दुर्गाकुण्ड मार्ग,
वाराणसी-५, प्रथम संस्करण, १९७० । ठाणांग सूत्र-(स्थानांग सूत्र)-संयो०-५० मुनि अमोलक ऋषि म०,
राजा बहादुरलाल सुखदेव सहाय ज्वालाप्रसाद जी जौहरी। तत्त्वार्थ सूत्र-आचार्य उमास्वाति, विवे०-पं० सुखलालजी संघवी,
सम्पा०-६० कृष्णचन्द्र जैनागम दर्शन शास्त्री एवं पं० दलसुख मालवणिया, श्री मोहनलाल दीपचन्द चोकसी, जैनाचार्य श्री आत्मानंद जन्म शताब्दी स्मारक ट्रस्ट बोर्ड, बम्बई-३,
प्रथम संस्करण, १९९६ । तत्त्वार्थ राजवातिक सूत्र-आचार्य अकलंकदेव, सम्पा०-६० गजाधरलाल
जैन, साहित्य शास्त्री, श्री पन्नालाल जैन, काशी, चन्द्रप्रभा मुद्रणालय, सन् १९१५ ।