________________
.
क
श्रीवीतरागाय नमः। शील का प्रभाव।
किसी देश की उन्नति इस पर निर्भर नही है कि उस की आय अधिक हो सीमा दृढ हो वा गृह सुन्दर हो, वरच उस की उन्नति इस पर आश्रित है कि वहा के रहनेवाले लोग सभ्य सुशील और सुशिक्षित हों।
संसार में शील एक बहुत बड़ी प्रेरकशक्ति समझी जाती है क्योंकि यह मनुष्य मे उत्तम गुण प्रगट करके उसे उत्तमता का आदर्श बना देती है । स्वभावतः जो लोग उत्तम नियमों पर चलनेवाले है, वे परिश्रमी सरल और निष्कपट होते है और इतर जन उनके कहने पर चलते है। प्रकृति यही चाहती है कि ऐसे मनुष्यों पर भरोसा करना और उन के अनुसार चलना चाहिये । संसार मे सकल गुण और भलाइया इन्हीं के कारण विद्यमान है और जब तक ऐसे महात्मा और साधुजन इस संसार में न हों तब तक यह संसार रहने के योग्य हो ही नही सक्ता ।
यद्यपि धीशक्ति वा बुद्धिमचा श्लाघनीय है तथापि सुशीलता सम्माननीय है । बुद्धिमत्ता मस्तिष्क से और सुशीलता हृदय से सम्बन्ध रखती है। सच पूछो तो हृदयशक्ति ही इस जीवन में