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१८. रसदीर्घिका कवि विद्याराम प्रणीत । रस अलंकार आदि विवेचनपरक सुबोध रचना। सम्पादक-गोपाल नारायण वहुरा, प्रवर शोध सहायक, राजस्थान प्रा. वि. प्रतिष्ठान, जोधपुर । ।
२. राजस्थानी साहित्य १९. कान्हड़दे प्रबन्ध-महाकवि पद्मनाभ रचित । खधर्म और स्वदेश रक्षा निमित्त जालोर के चौहाण-कुलशिरोमणि महावीर कान्हदेव ( कान्हड़दे) के बलिदान की गौरव-गाथा । राजस्थान के प्राचीन इतिहास सम्बन्धी साहित्य की महत्वपूर्ण प्रवन्ध रचना । सम्पादक-प्रो के. वी. व्यास, एम्. ए., प्राध्यापकएल्फिन्स्टन कॉलेज, बम्बई ।।
२०. क्यामखाँ रासा-फतहपुर ( शेखावाटी) के नवाव अलफखाँ ( कविवर जान) रचित ऐतिहासिक काव्य । सम्पादक-डॉ दशरथ शर्मा और श्री अगरचन्द नाहटा।।
२१. लावारासा अपर नाम कूर्मवंशयशप्रकास चारण कविया गोपालदास विरचित ऐतिहासिक राजस्थानी काव्य । सम्पादक-राजस्थानी के सुपरिचित विद्वान् श्री महतावचन्द्र खारैड़।
२२. बाँकीदासरी ख्यात–जोधपुर के कविवर वॉकीदास रचित राजस्थानी साहित्य की सुप्रसिद्ध रचना । सम्पादक-श्री नरोत्तमदास खामी, एम्. ए., वाइस प्रिंसिपल एवं प्राध्यापक-महाराणा भूपाल कॉलेज, उदयपुर।
२३. राजस्थानी साहित्यसंग्रह-खींची गगेव नींवावतरो दो-पहरो' 'रामदास वेरावतरी आखडी री वात' तथा 'राजान राउतरो वात-वणाव' नामक तीन राजस्थानी वार्ताओं का संग्रह । सम्पादक-श्री नरोत्तमदास स्वामी, एम् ए., प्राध्यापक, महाराणा भूपाल कॉलेज, उदयपुर ।
२४. कवीन्द्रकल्पलता-मुगल सम्राटू शाहजहाँ के समकालीक काशी के सुप्रसिद्ध विद्वान् कवीन्द्राचार्य सरस्वती विरचित मनोहर काव्य ग्रन्थ । सम्पादिका-श्रीमती रानी लक्ष्मीकुमारी चूडावत, जयपुर।
२५. जुगलविलास--कुशलगढ़ (राजस्थान) के भक्त महाराजा पृथ्वीसिंह अपरनाम कवि पीथल विनिर्मित ब्रजभाषा में भगवान कृष्ण और राधा की ललित-लीला-वर्णन-परक सुन्दर रचना । सम्पादिकाश्रीमती रानी लक्ष्मीकुमारी चूंडावत, जयपुर।
प्रेसों में छप रहे संस्कृत ग्रंथ १. शकुनप्रदीप-लावण्य शर्मा रचित शकुनशास्त्र का अत्युपयोगी महत्वपूर्ण ग्रंथ । २. लघुस्तव-लघ्वाचार्य प्रणीत, सोमतिलक सूरि कृत टीका सहित । ३. करुणामृतप्रपा–ठक्कुर सोमेश्वर- विनिर्मित, सस्कृत सुभाषितों का सुन्दर संग्रह । ४. वालशिक्षाव्याकरण-ठकुर संग्रामसिंह विरचित, सस्कृत व्याकरण का बालोपयोगी सुबोध ग्रन्थ। ५. पदार्थरत्नमंजूषा-पं. कृष्ण मिश्र रचित, न्याय शास्त्र का महत्वपूर्ण प्राचीन ग्रन्थ । ६. काव्यप्रकाशसंकेत-अलङ्कार शास्त्र का सुप्रसिद्ध मूर्धन्य ग्रन्थ, सोमेश्वर भट्ट कृत-'सकेत' सहित। ७. वसन्तविलास फागु-अज्ञान कर्तृक-फागु काव्य रूप में सरस सुन्दर रचना। ८. नन्दोपाख्यान-अज्ञात कर्तृक-उपाख्यान रूप में सरल सस्कृत रचना। ९. चांद्रव्याकरण-आचार्य चन्द्रगोमि विरचित-संस्कृतका प्राचीन व्याकरण ग्रन्थ । १०. वृत्तजाति समुच्चय-कवि विरहाङ्क विनिर्मित छन्द.शास्त्र का महत्वपूर्ण प्रन्य । ११. कवि दर्पण-अज्ञातकर्तृक-छन्दोरचना विवेचनपरक प्राचीन ग्रंथ। १२. स्वयम्भूच्छन्द कवि स्वयम्भू विनिर्मित अपभ्रंश छन्द.शास्त्र का प्राचीन ग्रंथ । १३. प्राकृतानन्द-रघुनाथ कवि रचित, प्राकृत भाषा का अत्युपयोगी व्याकरण ग्रंथ । १४. कविकौस्तुभ-पं० रघुनाथ विरचित, काव्य शास्त्र विवेचनपरक ग्रंथ । १५. दशकण्ठवधम्-महामहोपाध्याय ख. पं. दुर्गाप्रसाद द्विवेदी रचित रामचरित्र विषयक
चम्पू काव्य। १६. पद्यमुक्तावली-कविकलानिधि श्रीकृष्णभट्ट विरचित ललित मुक्कक काव्य ।