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बलात्कार गण-कारंजा-कालपट
१
अमरकीर्ति
२ विशालकीर्ति
३ विद्यानंद संवत् १५९८] ४ देवेंद्रकीर्ति (संवत् १५९९) ५ धर्मचन्द्र सिंवत् १६२२] ६ धर्मभूषण [संवत् १६३८] ७ देवेंद्रकीर्ति [सं. १६३८-१६४९] ८ कुमुदचन्द्र [सं. १६५६-१६७० ९ धर्मचन्द्र [सं. १६८४-१७०४] १० धर्मभूषण [सं.१७०७-१७३२] ११ विशालकीर्ति अजितकीर्ति,
लातूर शाखा
१२ धर्मचन्द्र पद्मकीर्ति (सं.१७४२-१७४९) लातूर शाखा १३ देवेंद्रकीर्ति[सं.१७५६--१७८६]
इस पट्टपर संवत् १९५७ में अभिषिक्त हुए । इन का स्वर्गवास संवत् १९७३ में हुआ । इन के बाद कारंजाकी भट्टारक पीठ पर कोई भट्टारक नहीं हुए। कारंजाका बलात्कार गण मन्दिर का शास्त्र भाण्डार बडा समृद्ध है।
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