________________
भक्ति और शक्ति का समन्वित प्रभाव
भक्तामर स्तोत्र के प्रत्येक पद्य मे अरिहन्त आदिनाथ के प्रति आचार्य मानतुग की असीम आत्म श्रद्धा व्यक्त हो रही है। उनकी अमित आत्मशक्ति से स्फुरित प्रबल भावना द्वारा वेड़ियाँ तथा ताले टूटने का अद्भुत चमत्कार जन मानस को चकित कर रहा है। ___ महासती उज्ज्वल कुमारी जी की शिष्या साध्वी श्री दिव्य प्रभाजी द्वारा किये गए पद्यो के विस्तृत विवेचन मे अपूर्व हार्दिक श्रद्धा भक्ति एव दिव्य आत्म शक्ति प्रवाहित हो रही है।
चोरडिया जी द्वारा किये गए प्रकाशन से भक्तामर स्तोत्र के पठन-पाठन की प्रवृत्ति को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे भावुक भव्यो की भव्य भावना भी प्रवृद्ध होगी।
अ.प्र. मुनि कन्हैयालाल "कमल"