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राष्ट्र भाषा हिन्दी के महान् उन्नायक सरस्वती के श्रेष्ठ सम्पादक
स्व० पं. श्री महावीर प्रसादजी के कुछ पत्र
(१)
जुही, कानपुर
ताः १६-५-१५
श्रीमन्,
शाकटायन पर लेख मिला । कृतज्ञ हुआ । धन्यवाद,
छापूँगा ।
(२)
विनीत महावीर प्रसाद द्विवेदी
जुही, कानपुर
ताः ६-११-१५
श्रीमन्,
डाक्टर जैकोवी के जिस पत्र का अवतरण आपने लेख में दिया है, उस अवतरण के कुछ अंश का एक फोटो ग्राप भेजते तो कृपा होती अथवा आप उतना अंश मुझे ही भेज दीजिये । मैं फोटो उतरवा लूँगा ।
भवदीय महावीर प्रसाद द्विवेदी