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श्री काशीप्रसाद जायसवाल के पत्र
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(२२)
Patna
27-1-34 प्रिय और श्रद्धेय मुनि जी,
सब लोग भूकम्प से बच गये पर मकान में कई सहस्त्र का नुकसान हुआ। ___ आपको मेरे इतिहास में इतने अध्याय लिखने होगे। जिसके लिये कृपा कर फौरन हाथ लगा दीजिये।
१-नेमिनाथ । महाभारत युद्ध से लेकर पार्श्वनाथ तक । उसी में नेमिनाथ पूर्व का धर्म इतिहास, स्थान आदि का निरूपण करते हुये राजवश आदि का निरूपण करते हुये, धर्म का पूर्ण व्याख्यान । (10 पृष्ठ)
आकार हिन्दू पॉलिटी या केंब्रिज हिस्ट्री का। अर्थात् बड़ा । आपकी राय यदि बड़े आकार की हो अर्थात् मेरुतुग वाले आपके ग्रन्थ का तो वैसा लिखिएगा। ___2-पार्श्वनाथ के बाद महावीर स्वामी के निर्वाण तक । धर्म और राजनीति दोनो का । (20 पृष्ठ)
3-श्री महावीर के बाद मेरुतुंग तक । (मेरा हिन्दु काल भोज तक रहेगा) धर्म विकास और उसमे फेरफार--राजवंशों के काल के उल्लेख से।
ऐसा लिखा जाय कि मैं चाहूँ तो काट-काट कर उन भिन्न राजवंशों के साथ कर दू या अलग ही रखू। (20 पृष्ठ)
4-1 नोट, जैन कलाशिल्प पर। (यदि हो सके)
ऊपर के 3 अध्यायो मे जैन दर्शन, धर्म शब्द में शामिल है। कब तक तैयार होगा?
हिन्दी में लिखियेगा तो तरजमा करा लूगा नही तो अग्रेजी में भी लिख दीजियेगा।
पत्र बरावर लिखते रहियेगा । काम शिथिल न पड़े। आपको