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________________ ७८ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात सांवतसीरा जेसळमेर। ३ गोपाळ । १ गोयंद । भीवो। २ नगो। मालो । महिपों। ३ सांमदास । सांवतसी, २ सीहो। अहिजन । ३ जीवो। १ ईसर, रायमल, २ दांन (देवीदांन) महिपो । ३ सादूळ । ३ वीरदास। २ मनोहर । २ वीठळ । ३ सूरजमल। २ जसवंत । २ अखो गोयंदरो। १ मेहाजळ केहररो, लीलादे महेवचीरै पेटरो। तिणांरी जुदी साख छै—मेहाजळोत-भाटी । इणांरो जेसळमेररै देस गांव मेहाजळहर कोहररो नाम छै। जेसळमेरथा' कोस ३०, ऊमरकोटर मारग, १ गांव बुज कनै तिणमें भाटी नाथो किसनावत वसै छै । १ तेजसी केहररो, लाछां देवड़ीरै पेटरो' । १ परबत केहररो। १ तणुं केहररो। अांक १ लखमण केहररो। केहर पछै पाट वैठो। तिण वरस ३१ दिन १३ जेसळमेर राज कियो । ___रावळ लखमणरा वेटांसूं लखमणरा पोतरा पाटवी नै वीजा पण छै, सु लखमणा कहावै छै11 । I गोयंद भीमेका पुत्र, भीम मालाका और माला महिपेका पुत्र । 2 सीहा गोयंदका बेटा। 3 सामदास, सांवतसी (दूसरा) और अहिजन, ये तीनों नगाके पुत्र । 4 ईसर, रायमल और महिपा, ये तीनों केहरके बेटे। 5 ये तीनों महिपाके पुत्र । 6 मेहाजल केहरका बेटा, लीलादे महेवचीकी कोखसे उत्पन्न । 'मेहाजलोत-भाटी' इसके वंशजोंकी यह एक अलग शाखा है । मेहाजलके नामसे मेहाजलहर नामक एक कुआँ है, जिसके नाम पर 'मेहाजलहर' नामका इनका एक गांव जैसलमेर राज्यमें है। 7 जैसलमेरसे। 8 गांव वुजके पास जिसमें किसनाका बेटा भाटी नाथा रहता है। 9 लाछां देवड़ीकी कोखसे उत्पन्न केहरका वेटा ... तेजसी। 10 केहरका वेटा लखमण, केहरके वाद गद्दी पर बैठा, जिसने ३१ वर्प और १३ दिन जैसमेरमें राज्य किया। II रावल लखमणके वेटोंके वंशज लखमणके पोते गद्दीघरोंमें भी हैं और उनसे अतिरिक्त भी हैं, जो 'लखमरणा' या 'लखमण-भाटी' कहलाते हैं। . .
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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