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________________ __ मुंहता नैणसीरी ख्यात :: : १ हट-हटांरो। १ सीहडांणो । १ करंडो सत्तारो। १ पोछीणो । .. १वीकानेरर देय पीलाप, भरेसर नजीक । माङ राठीवाळी त? वास' ४ राहड़ वैरसळ जसारो वसै छै । रावळ विजैराव लांजो, रावळ दुसाझरो बेटो । वडो माणस ठाकुर हुवो । सिद्धराब जैसिंघदेरै पाटण परणियो हुतो । उठे सिद्धरावरै कपूर-वासिया पांणीरो क्यूं चरचा हुई । तरै रावळ विजैराव पाटण माद कपूर थो सु सारो मोल लेनै सहसलिंग तळाव माहै नाखियो । सारै सहर कपूर-वासियो पांणी पियो । तठाथी रावळ विजैराव ‘लांजो' कहांणो । रावळ विजैरावरा बेटा १ भोजदे रावळ । १ राहड़ । १ देहुल । १ मांगरिया । इतरी साख लंजै विजैरावरा पोतरा - १ पाहु वापैरावरो । बापोराव विजैरावरो' । १ साख 'गाहिड़' भाटियां मांहै तिकै रावळ विजैराव पोतरा । जोधपुररै देस वरणाड़ कदीम गाहिड़ारो गांव । वीकानेररै देस गाहिड़वाळो गांव, बीकानेरथा कोस ३ छ । . रावळ भोजदे विजैराव लांजारो बेटो लुद्रवे धणी हुवो । निपट वडो रजपूत हुवो । कहै छै वरसां १५ तथा १६री ऊमर माहै पचास वेढ़ जीतो हुती । वात गजनो पातसाहरी छै I राठी वालोंका माड गाँव जिसमें चार अलग-अलग बस्तियां हैं। 2 राहड़ गाँवमें . जसाका पुत्र वैरसल रहता है। 3 बड़े व्यक्तित्व वाला ठाकुर हुआ। 4 विजयराव लंजा जिसका विवाह पाटणके सिद्धराव जयसिंहदेवके यहाँ हुआ था। 5 वहां सिद्धरावके यहां कर्पूर-वासित पानीकी कुछ चर्चा चली। 6,7 तब रावल विजयरावने पाटणमें जितना कपूर ___ था सो सब खरीद करके सहस्रलिंग तालाबमें डलवा दिया। 8 सारे शहरने कपूर-वासित पानी पीया । तबसे रावल विजयराव 'लंजा' कहा जाने लगा ।। (लंजा = बहुत शौकीन । खूब रंगीला) 9 लंजा विजयरावके पोतोंसे इतनी शाखायें प्रचलित हुई। 10 विजयरावका ... पुत्र राव बापा और राव बापाका पुत्र पाहु, जिससे पाहु शाखा चली। II कहा जाता है - कि रावल भोजदेवने १५-१६ वर्षकी आयुमें ५० लड़ाइयां जीती थीं।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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