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________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात [ २६५ मेवाड़रा झालांरी पोढी पाढे महेसदास लिख मेली संमत १७२२रा असाढ सुद ७. १ रांणो सेखो दोलारो। १४ रांणो सूर। २ रांणो गीगन । १५ रांणो विजपाल । ३ रांणो ब्रह्मदेव । १६ रांणो मुंध। ४ रांणो जालप। १७ रांणो पदम । ५ रांणो मरीच। १८ रांणो उधीर । ६ रांणो वीसम । १६ रांणो वेगड़। ७ रांणो गोग। २० रांणो रांम। ८ रांणो मक। २१ रांणो वरसिंघ । हरांणो हरपाल। २२ रांणो भीम। १० रांणो केहर। २३ रांणो सत्तो। ११ रांणो हरी। २४ रांणो रणवीर। १२ रांणो सातल। २५ रांणो वाघ । १३ रांणो कांन्ह। २६ रांणो राजो। ॥ इति मेवाड़रा झालांरी ख्यात वारता संपूर्णम ॥ दसकत वीठू पनेरा। वाचे जिणतूं जै श्रीरुघनाथजीरी वाचजो। '.. I पाढा महेशदासने वि० संवत् १७२२के आसाढ शुक्ल ७को मेवाड़के झालोंकी वंशावली इस प्रकार लिख कर भेजी ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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