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२०८ ] . मुंहता नैणसीरी ख्यात मैं प्रांणणों कबूलियो थो सु प्राणियो । हमैं पातसाहजी ! म्हारा माणस छोड़ो। पातसाहरो कवल छै ।" तरै पातसाह कह्यो-"मैं छोड़िया । थारो कौल पोहतो ।"
तिण समै सको देखै छै । सरवहियो जेसो पातसाह उभो छो तठी नांखिया सु घोड़े हाथी दांतूसळां पग टेकिया । जेसै पातसाहरी... कड़ियांनूं हाथ घालियो । पातसाह तो होदो पकड़ रह्यो। जसो पातसाहरै कड़ियांरो कटारो ले गयो । पातसांहरै किणही सिपाही जेसानूं लोह लगाय सकिया नहीं । तिण वेळा चारण वीरधवळ हो कहै
‘ो जो जेसो जाय, पाड़ नहीं पतसाहरै। आयो ऊंडळ मांय, सरवहियो सुरतांणरै' ।। २'
वात सरवहियो जेसो इण भांत परो गयो।। पातसाह चारणरा... माणस परा छोडिया। जेसै जीवतां धरती पातसाहरे रस पड़ी । नहीं। जैसारै वांस विजो पण भलो रजपूत हुवो। धरतीरी चांटी .... भली दीवी । जेसारै अाध हेक हुवो ।
___ I तव चारणने वादशाहको पाकर कहा कि यह जैसा सामने खड़ा है। मैंने उसे लाना कवूल किया था । सो ले आया हूं। 2 अव वादशाह ! मेरे कुटुंबको छोड़िये । बादशाहका कौल है। 3 तव वादशाहने कहा - 'मैंने तेरे मनुष्योंको छोड़ा। तेरा मेल पूग .... हुआ। 4 उस समय सभी ताकमें हैं। 5 जिस और वादशाह खड़ा था उस अोर सरवहिया . . जैसाने अपना घोड़ा उठाया सो उस घोड़ेने वादशाहके हाथीके दांतोंके ऊपर जाकर अपने :.:. पांव टिकाये। 6 जैसेने बादशाहकी कमरमें हाथ डाला । 7 जैसा बादशाहकी कमरका . . ... कटार लेकर भाग गया। 8 वादशाहका कोई भी सिपाही जैसे पर शस्त्र नहीं चला सका। .. 9 उस समय चारण वीरधवल दोहा कहता है । 10 सरवहिया जैसा बादशाहकी सेनाके ... घेरेमें आया हुआ सकुशल निकल भागता है ! वादशाहका कोई वश नहीं चलता। II इस प्रकार सरवहिया जैसा वहांसे भाग गया। 12 जैसेके जीवित रहते देश बादशाहके वशमें.. नहीं हो सका 13 जैसाके पीछे विजय भी अच्छा राजपूत हुआ। देशकी अच्छी सेवा की। .. जैसाका एक आधा भागीदार हुआ।