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मुंहता नैणसीरी ख्यात ४ सांकर सूरावत । वडो रजपूत राव मालदेवरो' । सांकररै हवाले अजमेररो गढ थो । पछै सूर पातसाह आयो तद काम आयो । जोधपुर में गढ ऊपर छत्री छ पाज ऊपर छत्री तीन छै
१ भाटी सांकर सूरावतरी। १ तिलोकसी वरजांगोतरी ।
१ अचळे सिवराजोतरी। ५ हमीर सांकरोत । फळोधी मोटै राजाजीर भाटियारी वेढ कांम आयो।
६ गोयंददास हमीरोत । वूटेची पटै।।
७ धनराज गोयंददासोत । वूटेची, भालेसरियो पटै । सं० १६४० रांमड़ावास पटै'।
८ रासो धनराजोत । संमत १६६२ वोड़ानड़ो पटै । ७ कचरो गोयंददासोता ८ मुकंद। ७ नरसिंघ गोयंददासोत । घीघाळियो पटै'। ७ लिखमीदास गोयंददासोत । ८ दयाळदास लिखमीदासोत । उजेण काम आयो। ६ सगतो। ८ दलपत लिखमीदासोत ।।
६ कान्हो हमीरोत । संमत १६४१ सूरांणी पटै । संमत १६४२ • प्राकडावस पालीरो पटै । पछै वोड़वी थी । कान्हो नाथा धायं भाईरो जमाई1 ।
__1 राव मालदेवका बड़ा राजपूत । 2. अजमेरका गढ शंकरको सुपुर्द किया हुआ था। 3 पीछे तूर वादशाह चढ कराया तव काम आ गया। 4 जोधपुरके गढ़ में इसकी छतरी .. (स्मारक) बनी हुई है। 5 पाजके पर तीन छतरिय बनी हुई हैं। 6 बटेची गांव पट्ट में... 7 बूटेची और भालेसरिया गांव पट्ट में । संवत् १६४०में रामड़ावास पट्टे में। 8 सम्वत् १६९२में वोडानड़ा (वोहानाडा) पट्टे में। 9 घीघालिया गांव पट्टेमें। 10 सम्वत् १६४१में मृराणी गांव और संवत् १६४२में पाली परंगनेका पाकड़ावास गांव पट्टे में । फिर वोड़वी .... गांव भी पट्टे में था। कान्हा, नाथा धाभाईका दामाद । .
१६४१में