SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 186
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १७८ ] मुंहता नेणसोरी ख्यात ४ बछो मालारो। ५ भाखरसी ४ नाथू मालारो । झरी वेढ कांम आयो। ५ हरराज। ५ वीको। ४ रतनसी मालारो। ५ ईसर। ५ भीवराज । ६ पूरो। ६ हदो। . २ भैरवदास जेसावत । राव सूजाजी धवळेरो सोझतरो भैरवदासनूं दियो थो, सु धवळेरै वसता'। नैं सूरमालण रावजीरो चाकर थो, तिणनूं चोपड़ो पटै थो। सु सीव ऊपर उपाव हुवो, वेढ हुई त, सूरमालण भैरवदासनूं मारियो । पछै सूरमालण नासनै राणाजीरी: ... धरतीमें गयो । पछै भैरवदासरै वैर आणंद जेसावत जेसळमेर था साथ लेने आयनै अोहलांणी इंद्रवड़े सूर मारियो । भैरवदासरा बेटा३ सूरो। ३ अचळो। ३ देदो। ३ वरजांग। करमेतीबाई भैरवदासरी रा।। मेहराज अखैराजोंतनूं परणाई तिणरै पेटरों कूपोजी मेहराजोत । ३ सूरो भैरवदासोत । . ४ डूंगरसी सूरावत।। ५ हरदास डूंगरसीयोत । वडो रजपूत । राठोड़ भोजराज मालदेअोतरै वास । पछै भोजराजजी ने तुरके वेढ हुई, तठै हरदास काम आयो । 1 राव सूजाजीने सोजत परगनेका धवलेरा गांव भैरवदासको पट्टे में दिया था, अतः : भैरवदास धवलेरेमें रहता था। 2 और रावजीका चाकर सूरमालण. जिसको चौपड़ा गांव .. : पट्टे में था । सीमा ऊपर झगड़ा हुआ और लड़ाई हो गई जिसमें सूरमालगने भैरवदासको मार ... दिया। 3 सूरमालण भाग कर के राणाजीकी धरती में (मेवाड़ में) चला गया। 4 पीछे भैरवदासकी इस शत्रुताका बदला लेनेके लिये जैसलमेरसे आनंद जैसावतने अपने साथियोंके . साथ आ कर अोहलाणी और इन्द्रवड़ा गांवोंके पास सूरमालणको मार दिया। 5 करमेतीवाई भैरवदासकी बेटी, राव मेहराज अखराजोतको व्याही, जिसकी कोखसे कूपाजी मेहराजोत .. पैदा हुआ। 6 फिर भोजराजजी और तुर्कोके आपसमें लड़ाई हुई उसमें हरदास काम आया।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy