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मुंहता नैणसीरी ख्यात
[ १०७ १ रा। हरिसिंघ भीमसिंघोत । - जेसळमेररा साथमें इतराहेक नांवजाद सिरदार छ ।
१ राव जैसिंघ मोहणदासोत ।
१ भा।। सीहो गोयंदोत । - २ भा।। सांमदास सांवळदास गोपाळदासोत सिरड़िया।
१ भा।। रुघनाथ ईसरदासोत । १ भा।। दळपत सूरसिंघोत । १ भा।। किसन बळुनोत ।
पछै धोळे-दिन वेढ हुई । रावळ सबळसिंघ वेढ जीती । जेसळमेररो साथ भागों, तठै साथ काम आयो ।
विकूपुररो साथ इतरो काम प्रायो२ भाटी नेतावत
२ जैतुंग - १ जैमल रासावत ।
१ हरदास। १ जगमाल । १ रा।। जैतसी भांणोत।
१ भुणकमळ४ सोळंकी
हाथी अजुरो। १ जगो।
१ खालत वीदो। १ देदो ।
१ भा।। खंगार नरसिंघरो १ कमो। १ ऊदो।
सेखासरियो। २ सिंघराव
१ पाहु महाजळ । .१ मनोहर ।
१ देदो। .. पोकरणरा साथ मांहै इतरा काम आया - १ एक धनराज नेतावत । १ रा।। सिरंग डूंगरसियोत । १ भाटी भोपत रायसिंघोत । १ राहड़ वीदो।
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१ भाटा
I जैसलमेरकी सेनामें इतने प्रसिद्ध सरदार हैं। 2 फिर दिन-धौले लड़ाई हुई । रावल सबलसिंहकी युद्ध में जीत हुई। 3 जैसलमेरकी सेना भाग गई और उसके ये आदमी काम आये। 4 विकूपुरका इतना साथ काम आया। 5 जयतुग शाखाका भाटी। 6 भुणकमल शाखाका अजूका बेटा हाथी। 7 सेखासर वाला नरसिंहका बेटा भाटी खंगार। 8 पोकरण वालोंके इतने काम आये।