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राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर-हस्तलिखित ग्रंथ सूची, भाग-२२५ प्रकीर्ण ग्रन्थ ]
[ २७३ विशेष उल्लेखनीय
कर्ता आदि ज्ञातव्य
लिपि समय पत्र संख्या ।
क्रमाङ्क
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थाङ्क
१९वीं
७८०६ | ४८१०
| तांत्रिकयन्त्र (भूगोलपटचित्र) | तारतम्य (गद्य)
द्वात्रिंशदपराधाः, दशमहापराधाः, माघमासोत्सवादि
"
शुद्धकोति
१८वीं
१७वीं
५३७६ (५) दशलाक्षणिककथा ७७४१ (७) प्रकीर्णपद्यानि ७०००
थाकोशटीका ७३३८ पुष्पमालाप्रकरण ४४८१ बृहत्क्षेत्रसमास
मू. शालिवाहन टा. गङ्गाधरभट्ट | १९वीं सोमतिलकसूरि
१५वीं १७८५
| श्रीकृष्ण विषयक व्रजभाषागद्यमें संस्कृत, राजस्थानी इसमें वसन्त पञ्चमी के दिन भगवत्प्रतिमा
के शृङ्गार की विधिद्रष्टव्य है ८७-६० प्राकृत
संस्कृत अपभ्रंश | प्राकृत संस्कृत अपूर्ण
प्राकृत १६ विषय ज्योतिष, लि क. दौलत
सागरगणि तन्त्रोक्त
प्रकीर्ण पत्र एकादशस्कंध पर्यन्त ३ | प्राचीन हिन्दीगद्य, जिनसुखसूरि
प्रशस्ति, लि क. पं. गोडिदत्त स्थान पालीग्राम
पंजाबी में ५६४ | र.का. शक सं. १७१७, मराठी
भाषा में, लि.क. बालाजी भीखाजी, रेवातटे राजराजेश्वर
सन्निधौ १८ | प्रारंभसे लेकर दशम अध्याय तक
६३६८
६८५५ | ४०८३
वलिदानपद्धतिः | भागवत (मराठी अनुवाद)
मजलस
१६वीं १८५२
२६ १४५४८ (१) मोक्षखेड़ा २७ | ५४८४ : रामविजयमहाकाव्य
बनारसीदास श्रीधर
१९वीं १८५२
- २८, ५५५०
१८वीं