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राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर-हस्तलिखित ग्रन्थ सूची, भाग-२, २२-जैन स्तोत्र ]
कर्ता प्रादि ज्ञातव्य ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थ नाम
लिपि समय पत्र संख्या |
विशेष उल्लेखनीय
क्रमाङ्क
१३०
७२७८ ४८४०
शोभन कुशललाभ कवियण हरिविजय
शिष्य
१६वीं १८२८
३
शोभनस्तुति सटीक स्तंभनपार्श्वनाथस्तवन
जम्बूकुमार स्वाध्याय | स्तंभन पार्श्वनाथस्तुति आदि
१३१
१३२ / ६८३६
१९वीं
. ७२ . लि. स्था. सांगानेर, इस गुटके
की अन्य कृतियों का विवरण
परिशिष्ट में देखें २०८ वाँ
१६ । इस प्रति में २४ स्तोत्र हैं
सकलकीति समंतभद्र स्वामी
१८७१ १८वीं
४९१४ (१३) स्तवन (मुजरा) | ६१६० । स्तवन (स्वयंभूस्तोत्र) | ७५६८ | स्तवन (शांतिजिन)
स्तवनसज्झाय पदसंग्रह
१३५ १३६
७४४७
आदि
१३७ | ७४४६ , १३८ ७४४४ (१०) स्तुतिस्तवन
१९१६ १७० लि.रु. अमरचंद्र, सेठ गंभीरमल
पठनार्थम् १६११ २०० * १८८५ १९४-२०५ इसमें पजूसणरी थुई, सेजाजीरी
थुई, पांचमरो तवन, प्राठमरो
तवन, इग्यारसरो तवन हैं १९वीं ४ . इसमें ५ स्तोत्र हैं, नाम परि
शिष्ट में देखिये १८८५ १४४-१६८
४५-४६ १८८७ २५७-२५८ । १७५८५ !
.
१३६ | ६८२५
स्तोत्रसंग्रह
.. १४१
१४० ७४४४ (६) सप्तस्मरण
५४२७ (३) , १४२ ४६१४(३६) सात वसणनी वीनती . १४३ / ७३६४ साधारणजिनस्तोत्र (सावरि)
नानू ऋषि ब्रह्म हंस जयानन्द, व. वानर ऋपि