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राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर-हस्तलिखित ग्रन्थ सूची, भाग-२; २२-जैन स्तोत्र ] क्रमाङ्क | ग्रन्थाङ्क | ग्रन्थ नाम
कर्ता आदि ज्ञातव्य
लिपि समय पत्र संख्या
विशेष उल्लेखनीय
१७वीं
४४-४६ १८७७२८३से२८८ १८०५ ११६ वा
लि.क. प्रीति सौभाग्य, लि. स्था. नींबेड़ा र.का. वि० १५३५
७६ | ७२६४ । पार्व जिन यमकमयस्तुति ७७ ५४३६ (१०) पार्श्वनाथ जिनलघुस्तवन ७८ ४६१४ (५२) पार्श्वनाथजीनो छन्द
भुवनकीति ७६ ४४५२(६६) पार्श्वनाथजी पाढगत छन्द
| अभयसोम | ७४०४ पार्श्वनाथ तथा साधारण जिनस्तवन | प्रेमविमल | ६९८४ पार्श्वनाथस्तवन | ७७५३(५) पार्श्वनाथस्तवन
कीतिप्रभ ८३ | ७५६५ पुद्गलपरावर्त स्तवन सबालावबोध ८४ ५४३६ (१६) बीसबहिर्मानस्तवन ८५ | ७१३८बीससंस्थानकस्तुति
| ५२६८ | भक्तामर बालबोध टीका हरिदास ८७ ५४१८ (२) भक्तामर भाषा
| मानतुंग (हेमराज) । ७१०६ भक्तामर भाषा कालभैरवाष्टकादि
३७-३८
१९वीं १८वीं १८३७ १७वीं १९वीं २०वीं १८वीं
१८वीं
| कमलमपुरमध्ये रचित ४६ पद्य इस गुटके में आबूस्तवन, स्थूलभद्र सज्झाय, साधुवन्दना मंगलाष्टक,चतुर्विंशतितीर्थकर स्तव सरस्वती अष्टक आदि विविध
रचनाओं का संग्रह है २६३ र. का. सं० १७४७ ३१से४५ २२ / प्रथम पत्र अप्राप्त । लि.क. शिव
दास वसतारणी, स्था. देशलहरान, श्रीफतेपुरमध्ये
८६ / ६३४७ भक्तामर महाचरित्र भाषा विनोदीलाल ६० | ५४२७ (२) भक्तामरस्तोत्र ६१ ४०२५
प्राकृत वार्तिक सहित | मानतुंग सूरि
१८२८ १९वीं १६८९
६२ ४३६०
सबालावबोध
१७वीं