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राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर--हस्तलिखित ग्रंथ सूची, भाग-२, २०-राजस्थानी ग्रन्थ ]
[ १७४ विशेष उल्लेखनीय
कर्ता आदि ज्ञातव्य
लिपि समय पत्र संख्या
क्रमाक
ग्रन्थ नाम
ग्रन्थाङ्क
१८वीं
२३०-२६८
११८वां
२११७८१० (३)/ चेतनदासको वाणी
चेतनदास २१२ ४४५२ (६१) चोवौलीराणीरी कथा जिनहर्ष
२१३ ७४४४ (१३)| चौढालियो (दानशील तप संवाद) | समयसुंदर .. २१४ ४०६१। | चौथमाताजीरी कथा २१५ ६०६७ चौयीसचौक
अमृत कवि २१६ / ६६१८ . | चौवीस तीर्थंकरोंकी पूजाविधि २१७७४२५ | चौसठमार्गणाविचार २१८५०६१ छत्तीरा अध्यनगान
सागरचंद २१६ ४४५२ (७८)| छींकचक्र ...
१८८५ १८वीं १८५३ १६वीं
२४५-२५३
३ बोलाड़ामें लिखित ७ लि.क. भानुकीति, जयनगरे
१६४२ १५वीं
छीतरदासजी
१९४३ १९०७
कवि कृपाराम कंकाळी भाटण (?)
१८वीं
२२० । ४३०८(३)/ छीतरदासजीका सवैया २२१४८४७ । ज्योतिषवारो . २२२ ५५२८ ज्योतिषसार .. २२३ ४४५२(६४) जगदेवगमाररा कवित्त . २२४ ७१७२ (२) जगदेवपरमाररी बात
- २२५ ७७५२३(१४) जगदेवगुंगाररी वात ..... २२६ ४६१६(१) जगदेवरी वात
. २२७ ४४५२ (७१) जड़ भरथरा कह्या श्लोक प्रादि
१३
१५ लि.क. पं. हर्ष, मुलतानमध्ये १२३वा छींकके संबंध में शुभाशुभ फलका
परिचय ४४७-४५५ ३५ छंद
लि.फ. ऋषि भाणजी ४७ : लि.क. रामकुंवार ११९वाँ १-३५ ७१-८८ अपूर्ण
४४ अन्त में ५ अन्य नाताएं हैं। १२१ वा संवाई करम नरेशा (जयपुर) को
पराजय और मारवाड़के बतसिंहकी विजयका वर्णन, बुसिंह हाडाका वर्णन भी है।
१६३६ १८३७
१५वीं
....२२८
४८४८.
जन्मपत्रीगणित
१६वों