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- राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मन्दिर हस्तलिखित ग्रंथ सूची, भाग-२; ११-ज्यौतिष ] क्रमाङ्क | ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थ नाम
कर्ता आदि ज्ञातव्य
[११७ विशेष उल्लेखनीय
लिपि समय | पत्र संख्या
१६वीं श.
"
५४५/५५८२ | संज्ञाविवेकविवृत्ति (पूर्वार्द्ध) नीलकण्ठसुत गोविन्ददैवज्ञ ५४६ ५१८३
(उत्तरार्द्ध) , ५४७६०४६ संज्ञाविवेक टीका ५४८ ५७६४ सन्तानदीपिका
भावचिन्तामगिगत ५४६ ४४५२(८८) सप्तनाड़ीचक्र
१८वीं श. १८६४ १८वीं श.
१४४ १२३ रचनाकाल १५४४ ३६
| लि.क. व्रजवासी सिल्लुः १२८वां | इसमें वर्षा सम्बन्धी योगों
का वर्णन किया गया है लि.क. पं. प्रीतसौभाग्य स्थान-बगहेड़ा ग्राम
श्री वेंकटेशशिष्य अप्पय (?)
५५० ५७२७ ५५१ ५६७५ ५५२ ५६७६
५२८८ ५५४ ४१०८ ५५५ ४२७४
सर्वतोभद्रचक्र सर्वार्थचिन्तामणि (पूर्वार्द्ध)
(उत्तरार्द्ध) | सर्वार्थचिन्तामणि
१८९७ १९वीं श. १९०६ १८वीं श.. १९वीं श. १७६७
समरसार
| * लि.क. हरिचयन
| सवाई जयपुर १०
रामचन्द्राचार्य सोमयाजी रामवाजपेयी
१९वीं श.
रामचन्द्र
५५६ ४६९८ ५५७४८५६ ५५८ | ५७७४ ५५६६२४१ ५६० ६३०८ ५६१ ४७०३
५८१६
:
• समरसार सटीक
रामचन्द्र, टी. भरत
१८६२ १८वीं श. १८६१ १८६३
७ ४ ३२ २३ | लि.क. व्रजवासी सिल्लुः,
वां पत्र प्राप्त