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राजस्थान पुरातत्त्वान्वेपण मन्दिर
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पत्र
कमाक
प्रन्यनाम
कर्ता
भाषा
लिपिसमय
विशेष
सख्या
२२५७ भंडारी भानीरामजीरो
राज० २०वीं श.
१
गीत
(000
२२५६ भढारी मिवचंदजीरो
गीत २३६८ | भमराकी सज्झाय
महमद
७०२
३५४६ भवानीजीरो छंद
| उदो
,
१६वीं श. १२-१३
38
२३२६ भवानीदासजीरो गीत साधुरामजी (२) श्रादि
सेवक २८६३ | भावनागीत हीरकलश रागू० , ७० वां
(३७) ७०५ | २१४७ | भावनाविलास नाननागर ७०६ ३८५८ भापाभावना गद्य हरिरायजी १८वीं श. ५ ७०७ २२३६ | मसजी को कवित्त
२०वीं श १ ७०८
मनमोहन पार्श्वनाथ ज्ञानविमल रागू | १८८५६-७
स्तवन ७०४ | ६३२ मरमिया कुंअरकुशल ब्रज | १८६८ कच्छनरेश लखपत
सिंह के। ७१०
महारारायधाजीरा । मोहू (१) रा० १६वीं श. ४ छंद मार्थ
गोदढ २१२२ महारायोश्रीगोहडजी | कनककुशल
६१ वां नो जस ११२२ महारायो श्री जीना जसराज आदि .. | ३०-३२
३०-३२ कच्छनरेशों के कवित्त
स्तुति काव्य है महाराजारायधणजी।
___, १-४ | मज्जल मे लिखित । को छद ३५.७५
महावीरजिनपंचकल्याण रामविजय | रागृ० २०वीं श. ३४०-! सुरत मे सवत् (८०) स्तवन
३४६ | १७७३ मे रचना। | महावीरजिन स्तुति | जिनलाभरि
१४१ या (३२) ७१६ ३५७ महावीरदेव स्तवन | ममयसुन्दर
७5-5E (१५) ३५७७ | महावीर सत्तावीश शुभविजय
३५२भवस्तवन
દo
७१०