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२४४ ]
राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर
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क्रमांक ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थनाम
कर्ता
| भाषा | लिपि- | पत्र
विशेप
| समय | संख्या
१३१ | १६२७ बलिनरेन्द्रचरित्र
सं०
१३३
"
१३२ | १६५५ बलिनरेन्द्राख्यानक
१८०६ | वारव्रतकथा १३४ २२०२ वीबीरो ख्याल १३५ ३६४३ भरटकद्वात्रिंशिका १३६ १५३६ | भरतेश्वरबाहुलीवृत्ति १३७ १७०६ | भोजप्रबन्ध १३८ १४२७ भौमव्रतकथा
२१४३ मदनशतकरी वार्ता
शुभशील बल्लाल
१६वीं श. ४७ जाउ(लु)रनगर में
लिखित । १५वीं श. ३४ | १६५७ | ११ | १९२३ ३ १८वीं श. १६
१७३१, २२६ | पटडी में लिखित । १८वीं श ४८ १६वीं श. ३
गद्य पद्यात्मक
रचना। १६वीं श| ४७-५७ अपूर्ण ।
| दान
मधुमालतीरी बात
२३६० (११) २२६७ १७१७
मनसावाचारी कथा मलयसुन्दरीचरित्र । जयतिलक
अजमेर में लिखित।
१६१३ | १६६६
५६
३५५५
१६वीं श६६-१०
१४४ २३६१
महादेवजीरो कह्यो मनछा वाचारो बरत महाप्रभुजी के सेवक की चौरासी वार्ता महाभारत की कथा
गद्य
१८०८ | ११०- उबरीग्राम में लिखित ।
जीर्णप्रति । १७७४
१६८
मू०प्रा०१८वीं श
७
महावीरचरित्रबालाववोध महावीरचरित्रवालाव- मूल जिनबोध
वल्लभ १४८ ३४२० महीपालकथा वीरदेवगणी १४६ ३४२३ महीपालकथा / १५० ३६७७ मीयावीवीरी वात ३४८२
मुज सम्बन्ध | ३६४२ मुनिपतिचरित्रसारो
द्धार १५३ | ३५२६ मुनिपति-चरित्र
हरिभद्रसूरि
कृित १६६२
१६४६ राज. १६वीं श.
१५१
"
स०
१८७२
प्राकृत
| १५१६
__७ | रामसीनग्राम मे
लिखित । स. ११७२ में रचित।