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रास
२२५ ]
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क्रमांक प्रन्था
मन्थनाम
का
भाषा
लिपि- पत्रसमय | संख्या
विशेष
४७६ | ३२७ शिवरात्रीकथा चोपाई | जावड (१) | ३६५६ शिवरात्री चोपाई २१६५ शीलरक्षारास नयसुन्दर २०५७ / शीलरक्षारास विजयदेवसूरि
३५७३ / शीलरक्षारास (३७)
शीलरचारास
३६३४ शीलरक्षारास
३४७८ २०५३
शीलरास शीलवती चरित्र
नेमविजय
५३
११२. शीलवती चोपाई
ललितसागर
शीलसिलोकोरास
ज्ञानचद
रागू० | १७८६ / २४ आसंधिगांवमें लिखित
१७वीं श. ४ | १६७३ ६/ रचना सं० १६२६ । १७वीं श ७ जाजुहरनगर में
रचना। , १६वीं श६७-१०१) जालोरनयर में
रचित । जीर्ण प्रति। , १७वीं श. ६ । जालउरनयर में
रचित । जालउर नयर में
रचित । १६४४ १० | षडवा में लिखित। १८३० सं० १७०० में
रचित । १६७६ | १से३२ सं० १६०७ में
चक्रापुरी में रचना। १२ विक्रमपुर में
लिखित । सं०१६३८ में त्रंबा वती ग्राम में रचित । कृति का गौणनाम रस मंजरी है । भुज
नगर में लिखित । १६वीं श. ३३
१७१७ ६२ । २० सं० १६६२। १८५१ ४३ देलवाडामें लिखित।
भेंसरोद में प्रारंभ करके जिहानावाद में सं० १७२६ में
रचित । १७वीं श. २२ सं० १५३१ में
रचित । , १८वीं श सं० १५३१ में
रचना
| ६०३ । शुकबहोतेरी चोपाई
रत्नसुन्दर ।
१९०८
४८ २०८७ | शुकराजकथा ४८६ | १५६७ श्रीचन्दकेवलीरास ४९०
| ३६०५ | श्रीपालचोपाई
तेजविजय देवविजय महिमोदय
४६१ ३४८६ श्रीपालरास
गुणरत्न
१९८५ श्रीपालरास
ज्ञानसागर