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रास
[ १६६
कमांक प्रन्याङ्क
ग्रन्थनाम
कर्ता
लिपि- | पत्रभाषा
-ममय संख्या
विशेष
२१०३
२०५२ | गजसुकुमालसंधि मूनाऋषि । १६६५ स. १६२१ में
साचोर मे-रचना। . गुणप्रथीर जरासी
हिन्दी १६वीं श. १-३५ ७६५ पद्य पर्यन्त, (१७)
अपूर्ण। गुणरत्नाकर छंद सहजसुन्दर रागू. १७४६ १६ रचना सं० १५७२। गुणावलीकथा चोपाई
१८वीं श. २०३३ गुणावलीकथा चोपाई
१७४३ चिगयपुर में सं.१६७२
| मे रचना दसाहा
ग्राम मे लिखित । गुणावलीचोपाई
१८७१ / २६ स. १७५७ में
रचित । गुणावलीचोपाई दीपऋपि | रा० | १८४८ २४
| मौषडंदा ग्राम मे लिखित । सं. १७५७
में मनसर मे,रचित। १०५ / ६०६ गुणालीबुद्धिप्रकाशरास श्रुतसागर रागू०-१७वीं श. १. गधारनयर में रचित । १०६ | ३६२४ गुणावलीरास
राजकुशल " | १७१८ १८ अरदवाडा नगर में
लिखित । सं. १७१४ .
मे रचित गुसाइजी की लीला कृष्णदास व हि० १७वीं श-१०-१७
चोझड गोवर्धनलीला नारयणदास , १६०८ २६-३७
बडोदरी | गोराबादलकथा जटमल रान० | १८२८ सबुलागांम में सं०
१६८५ (पाटा । ७७५) : मे रचित पुनरासर
मे लिखित.। गोरावादल की बात
, १८वीं श १५से१७
१०६
गोराबादल करित दूहा बंध
,
३३८४ गोराबादल चोपाई ३३८५ | गोराबादल चोपाई
भाग्यविजय हेमरतन
१६वीं श. १५१- सं० १६८० में
१५६ . रचित, आणदपुर में
लि खत। स. १६६० मे कुंभ
लमेर में रचित। १९वीं श
,