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१४]
राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर
भाषा
लिपि- पत्रसमय ।
संख्या
• कर्ता
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
विशेष
ग्रन्थनाम
| २६०१ विष्णुपंजरस्तोत्र
संस्कृत १८
| १८२३ | १० घॉ ब्रह्माण्डपुराणगत
३३०३ १८०२
विष्णुपंजरस्तोत्र विष्णुमहिम्नःस्तोत्र विष्णुसहस्रनामस्तोत्र विष्णुसहस्रनामस्तोत्र
, १६वीं श. ४
" , | १३-१५ जीर्णप्रति संस्कृत | १८५१ ३८ " १५वीं श. १-४७
(२)
१६वीं श. १६ १६वीं श. १२ मानकवीश्वर द्वारा
सोनीहरजी ने लिखाया १८९२
३५ पद्मपुराणगत । १६६६
वीं श १६वीं श
१०-१२ महाभारतगत।
१७
| १८२३ | १०-१२
,
२६०१
भागवतसारसमुच्चयगत ।
२८८७ | विष्णुसहस्रनामस्तोत्र
" विष्णुसहस्रनामस्तोत्र (पद्मपुराणान्त
र्गत) २६३ / ८४१ विष्णुसहस्रनामस्तोत्र २६४ २६१६ | विष्णुसहस्रनामस्तोत्र २६५ ३२८१ विष्णुसहस्रनामस्तोत्र २६६ विष्णुसहस्रनामस्तोत्र २६०० | विष्णुसहस्रनामस्तोत्र
| विष्णुसहस्रनामस्तोत्र विष्णुसहस्रनामस्तोत्र विष्णुसहस्रनामस्तोत्र
" तथा अनंतप्रतकथा गार्थ विष्णुसहस्रनामस्तोत्र तथा अंष्टाविंशतिनाम
" स्तोत्र ३०२ ३२६८ विष्णुस्तवराज ३१७ विष्णुस्तुति सटीक टी० हरिदास ,
वीतरागस्तोत्र ३५१८ वीतराग स्तोत्र पजिका हेमचन्द्र,पंजिका , युक्त त्रिपाठ
विद्यासागर ३१ वेणीस्तोत्र प्रयागस्तव । शेप?
वेणीस्तोत्र,त्रिवेणीस्तोत्र
१६वीं श
१६
१६वीं श. २६+५
| १८६१ / १० १६वीं श ५
हेमचन्द्र
महाभारतगत, काशी मे लिखित। भावैरकुरित पद्य की टीका प्रथम पत्र प्राप्त स० १५१२ में पजिका की रचना। प्रयाग माहात्म्यगत | कडा मे लिखित।
"
१५वीं श. . १६वीं श. १३
१८१५