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सुभाषित-प्रकीर्णादि
१६३ ]
कमांक ग्रन्थाङ्क
लिपि-
पत्र
प्रन्थनाम
भाषा
विशेष
समय | संख्या।
रा० । १८७६ |४-१४
आमेर में लिखित ।
प्र.हि. २०वीं श. रा० गू०१७वीं श. ८८ वां
२३३०
| २३०० | मरदप्रति लुगाइरी पैठ
(२) पत्र लेखन] दूहा बंध | १८१६ माझ तथा कवित्त २८६३ | मारू देश निन्दागीत (४७)
मुखवर्णन कवित्त आदि
मूर्खबहुत्तरी | ८६६ मूर्खाधिकार
मेडताका कवित्त
| योगशास्त्रान्तर्गतश्लोकाः हेमचन्द्र ३५६५ रजवजीका कवित्त रजव
११४४
व्र. हि. १४वीं श रा० "
३०-३२
रा० गू " प्र.हि. २०वीं श. सं०
व्र. हि. १६वीं श
। ३७०
| रजबजीका सवैया
१८०३
३७६ ३६८४०३ १६ सं. १८१४ में रचना,
मानकूत्रा में लिखित । सं. १८१४ में रचित ।
| राजनीति
जसुराम
८८१
स
| राजनीति
१८२७
१६वीं श २०वीं श.
७०
| राजनीति
देवीदास " राजाोष्ठि आदि के | खुसराम आदि " कवित्त लघुचाणक्य तथा वृद्धचाणक्य सार्थ लघुचाणक्य राजनीति
सं०
।
१६वीं
५५-६०
लघुचाणक्य राजनीति
१८५३
५ मानकुत्रा में लिाखत ।
लघुचाणक्य राजनीति तथा रामरक्षास्तोत्र
२३६८ | लघुचाणक्य राजनीति
साथै
संरा १८वीं श. २-२६ गुटका ।