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(१६) काव्य नाटक चम्पू
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
पत्र
ग्रन्थनाम
कर्ता
भाषा
लिपिसमय | संख्या
विशेष
शाकुन्तल
| कालीदास
संस्कन
तृतीयांक पर्यन्त, खण्डित प्रति।
२ | ३३१६ अभिज्ञान शाकुन्तल
| अर्थरत्नावली | समय सुन्दर (अष्टलक्षार्थी ) टीका
,
१७२७ १६६३ |
४३
| "राजानोददते । सौख्यम्” इस चरण
के आठ लाख अर्थ
४ | २३७६
अष्टपदी
जयदेव
,
२०वीं श. १से१२ | गीत गोविन्दगत ।
टीकानाम अानन्दवर्तिनी, सुखवर्तिनी
८०४
आनन्दवृन्दावन चम्पू | मूल कर्णपूर |, १९१२ | ४८६
सटीक त्रिपाठ टीका (१) ११४५ ऋतुसंहार
कालीदास
१८५७ कमला भारती संवाद । मधुसूदन भट्ट , १९वीं श. १६४८ कर्पूरमंजरीनाटिका राजशेखर । प्राकृत | १६५३ २६७२ कर्पूरमंजरीनाटिका
संस्कृत | १६३५ १०. टीका २६८८ कादंबरी पूर्व खण्ड वाणकवि |, १७वीं श. ८५ १८३६ | कान्हगुजरीझगड़ा
| व्र० | १८३० | २-८
४८८ किरातार्जुनीयकान्य
भारवि
संस्कृत
१७०४
६०
आद्य पत्र १ अप्राप्त गुटका अन्त्यपत्र सुशोभन है। सूरतिविंदर मे लिखित । भुजद्रग में लिखित
१३ | ५०८ | किरातार्जुनीयकाव्य १४ १८५४ | किरातार्जुनीयकाव्य
१६७१ | किरातार्जुनीयमहाकाव्य | २८७२ | किरातार्जुनीयकाव्य
८० ८३
१८१६ १७८८ १७८ १८२६
५७ |वलाहूवपुर मे लिखित