________________
१२४ ]
, राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थनाम
कर्ता
भापा
लिपि- पत्रसमय | संख्या
विशेष
५७६ | रूपदीपक
जैकिसन
। ब्राहि. १८२६ / १-५
सं० १७०६ में रचित गूढा में लिखित । सं० १७७६ में रचित
२४५७
or "
रूपदीपपिंगल वर्णपनाकामेरुविधि वर्णपताकामेरुविधि वृत्तचन्द्रिका वृत्तमौक्तिक
१८वीं श. १६वीं श.
८
गदावर
व्रज.
२३
५८३
चन्द्रशेखर
सस्कृत
१७वीं श
कवि
१८वीं श. १२ १८३६ ७वीं श. ८ १५वीं श. ५ १६६१ ।।
७४
१८१
रिणी में लिखित ।
१८वीं श. ११ १७वीं
वृत्तरत्नाकर भट्टकेदार वृत्तरत्नाकर
वृत्तरत्नाकर १६७२
वृत्तरत्नाकर
वृत्तरत्नाकर २४५४ वृत्तरत्नाकर २४५५ वृत्तरत्नाकर २४६८ | वृत्त वाकर (१)
वृत्तरत्नाकर टीका ३४०२ 'वृत्तरत्नाकर टीका ३६५४ वृत्तरत्नाकर टीका ३६५७ वृत्तरत्नाकर टीका ३००४ वृत्तरत्नाकर सटिप्पण | केदारभट्ट
वृत्तरत्नाकर सटीक मू० भट्टकेदार त्रिपाठ
टी-समयसुन्दर १६७६ वृत्तरत्नाकर सटीक समयसुन्दर
रचनासं०१३२६ (१)
सं० १३२६ में रचित
३७
५५०
सं० १६६४ मे रचित
१६६६
टीका रचना संवत् १६६४ जालोर में।
| ३६५३ वृत्तरत्नाकर सटीक ४० | ३६५६ | वृत्तरत्नावली
चिरजीव
ध्वीं श. ३१ १८१६
यशवंतसिह नृपति के विनोदार्थ रचित मकसूदाबाद में लिखित । भुजनगर में लिखित
४१, ५७०
श्रुतबोध श्रुतबोध
कालिदास
| "
ध्वीं श.
२
"
"
"
३०