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राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची]
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[७४
क्रमाङ्ग
ग्रन्थनाम
.... फर्ता
लिपिसमय पसंख्या
विशेष विवरण प्रादि
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गोरखनाथ
(७४) (८८) सप्तवारग्रन्थ
(८६) पन्द्रह तिथिगन्य .(६०) प्राणसंकुलीग्रन्य (६१) शिक्षादर्पणयोग (वचनिका) (६२) अभमानाग्रंथ (६३) नरव (निर्भय) बोध (वचनिका) (६४) मछीन् गोरखयोधसंवाद
१८वी.श. ४३३वा
४३३-४३४ ४३४-४३५ ४३५-४३६
४३६-४३७ ४३७-४५३
. ... . छन्द १२३
.
४५३-४५४ ४५४-४५५ ४५५-४५७
४५७-४५८ मामशाह गोरमसंवाद ।
(९५) प्रात्मबोधनन्य . (६६), रोमावलीग्रन्थ | (६७) ज्ञानचौतीसा (छन्द ३४ गद्यमि
.. - श्रित). : (EE) काफिरयोधनाथ (६६) अकलिसिलूक (१००) गोरखगणेशगोष्ठी छन्द ३० (१०१) ब्रह्मस्तोत्र-निरञ्जन-अष्टाङ्ग शङ्कराचार्य
(६ श्लोक) (१०२) साधपरिण्याजोग साखी २५ । प्रवीनाथ
(१०३) चपंटजीको साली ६६ पंदजी 1. (१०४) भरथरीजीकी शब्दो ३२ छन्द भरथरी
४५८--४६१ ४६ . प्रगत संस्कृत में लिया है ।
४६२-४६५ ४६५-४६६