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________________ .. राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-- विद्याभूपण-गन्य-संग्रह-सूची] विशेष विवरण आदि कर्ता लिपिसमय । पत्रसंख्या कमाङ्क ग्रन्थनाम (७४) । (१२) नामदेवजीके पद १५८ पद नामदेवजी (१३) रैदासजीके पद ८४ पद । रैदास (१४) रैदासजीकी साखी ४ साखी (१५) हरिदासजीके पद १०१ पद हरिदास निरंजनी (१६) हरिदासजीको साखी ४ हरिदास (१७) बड़ा पद (राग मारू ३० अंतरे)। (१८) बारहपदी १२ छाद । (१६) दसपदीरमैणी १० पद (२०) जपुजी ३८ छन्द नानक (२१) नानकजीके पद ४ (२२) अलाहणीया ग्रन्थ (२३) चखनाजीका पद बरखना (२४) कान्हाजीका पद २७ कान्हा (२५) कान्हाजीको साखी ६ वड़ छन्द , (२६) अनप्रबोध १४० घन्द गरीवदास (दादूमुत) १५वीं श.२६०-३१२ ३१२-३२६ ३२७वां ३२७-३४३ ३४४वां ३४४--३४५ ३४५-३४६ ३४६-३४७ ३४८-३५२ ३५३वांराग महलू ३५३-३५५ राग याहंग । " ३५५/ ३६१-३६८ अन्तरोंग गायका नाम पहात्मयोप लिया है। १३६:-३७० (२७) गरीबदासके पद, १० पद ५ राग (२८) गरीबदासको साखी ४८ अन्य पारीदास बाबा पद२ । बनवारीदासबाया २ राग .३७२वा -
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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