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________________ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्य-संग्रह-सूची ] . [ ५६ . .. का लिपिसमय पत्रसंख्या विशेष विवरण आदि कमा ग्रन्थनाम (५८) (२) राजा चन्दकी बात लछमनत्राह्मण १८३६२६ (३) खमणजीको व्यावलो १८४२ सहसमल (कोटपूतली- निवासी) परमानन्ददास (४) ध्रुवचरित्र ' (५) शनीचरजी की कथा लि.क. पाना चौधरी, बगसगीरी हलद्यादिया] नन्दरामजीकी, खारवेके... गत्तेका गुटका १३४६ अंगुलकाः है। . . . अनेक राग-रागिनियों में रचित । अपूर्ण। .: नोट-इस गुटकेमें अङ्कित ५ ग्रन्थों के अतिरिक्त पट्टी-पहाड़े, फुटकर दोहे आदि भी हैं । एक व्यायणजीको गजल भी है। खुले पत्रे । लेखक (रचयिता ?)की लिखी। : चैनरामसे प्राप्त १३-१२-१९०४ ई०।। लि.क.-ज्योतिषी कुजविहारीलाल, जयपुर। · अपूर्ण। गोपीचंदजीको मोल लीनी १) में । ता० ६-१२-३६ । ५६ भवरगीत (भाषा) जनमुकुन्द ६० दादजन्मलीलापरची जनगोपाल ६१ बिहारी सतसई (अकारादि-प्रकरणवद्ध) विहारी १९८३ ४८ १९वी.श.. ६२ गुटका (१) कविप्रिया केशवदास प्रानन्दराम (२) गीताभापानुवाद . (३) पिङ्गल (अपूर्ण) १८४२-४३७ अपूर्ण, चौथे प्रभावसे कुछ मांगे तक : '(१५५वें पद्य तक)........... ६-३४ . केवल १५ अध्यायका अनुवाद । । ३५-४३ । इसके प्रागे १ मीरांका, पद, चरणदासका पद तथा महाराजा मानसिंह, मिर्जा राजाजयसिंह, । महाराजकुमार जगतसिंहके प्रशस्तिपरक . , कवित्त भी हैं । अन्तके २ पत्रों में श्रीकृष्णदास | पयोहारी (गलतावाले)का स्तोत्र है जो . .. अपूर्ण है । (सं.) - - -
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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