________________
राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान -- विद्याभूषण ग्रन्थ-संग्रह-सूची ]
क्रमाङ्क
ग्रन्थनाम
कर्त्ता
२१ (१) प्रह्लादचरित्र
(२) मोहमद राजाकी कथा
२२ | गुटका - - कृतियाँ २०
(१) सनेहलीला दोहे १२२
(२) कक्काबत्तीसी ३७ दोहे ( ३ ) सनेहसंग्राम २४ कुण्डलिया (४) सनेह साजनका दोहा २० (५) शिवगौरी मंगलाचार - गोत्राचार (६) एकश्लोकी भागवत- रामायणादि
(७) बारहमासा छन्द १२
(८) कृष्णचरित्र - बारहखड़ी
(६) विलोमाक्षरश्लोक और दोहा (१०) नागारासो निसाणी (११) बारहमासा छन्द १२ (१२) राजनीतिका कवित्त
(१३) रागकोष्ठक व रागमाला के ३१ दोहे
(१४) स्फुट कवित्त
(१५) भवानीकी भारती
जनगोपाल जगन्नाथ तुरसी शिष्य
विष्णुदास
सन्तदास
सवाई प्रतापसिंह
भवानीराम
श्रीनिवास
रामचरण
"1
कुशलेश
शिवानन्द
लिपिसमय
१८७३
55
१८८३
11
१८८४
१८८८
१८७२
पत्र संख्या
१-१०२
१०२-२०४
|१-२२
१-७
७-१८
१८-२२
२३-२६
| २६-२८
२८-३१
१-१०
१०-१६
१६-२२
१-८
८-१२
|१२-१३
विशेष विवरण आदि
१७७६की प्रतिकी नकल
नगर बांसकोमें लिखित F
'एक समय ब्रजवासकी सुरति करो हरिराय'
इत्यादि पद हैं।
3 ५ ५ १
र.का. - संवत पावकशरवसुशशि १८५३
[ ३३
प्रति सुन्दर
लिखी हणवंता के तांई । श्रच्छी कविता है । 'नीतिनवरत्न' नामक काव्यके & छन्दों में से केवल ३ छन्द है