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राजस्थान-प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ] क्रमाङ्क ग्रन्थनाम
कर्ता
[ २०
लिपिसमय
पत्रसंख्या
विशेष विवरण आदि
परसराम
| (१६) ज्ञानलीला बत्तीसी ३४ छन्द (२०) भक्त-उपदेशिनी ६५ दोहे
(२१) फुटकर साखी ४, १ कवित्त ११ पवन-स्वरोदय ..
१८४७२१८-२२१
२२२-२३०
चरणदास .
१८८४
७१
कवित्त उत्तम है। कार्तिक कृष्णा ३० शनि लिखितं ब्राह्मण फनीराम, ग्राम बासरणामध्यं ।
१७४१-४३
२०B
१-२० नोट---यह पुस्तक पुरोहित कल्यारणवक्शजी
की कृपाते मालपुरेसे प्राप्त हुई। सं. १९७३ में--सं.१७४३ और सं.१७४१ इसमें लिखे हैं, पीले गत्ते का पुट्ठा हमने
बंधवाया, रक्षार्थ । २१-६३ ६३-६६ ९७-९८
गुटका-६० कृतियां (१) कबीरजीको साखी, ५२ अंग | कबीरदास (२) भजन पद संग्रह स्फुट (१) सूरदास
(२) तुलसीदास (३) परमानंद (४) जगन्नाथ और
(५) नांपा (३) दादूवाणी साखी ३६ अंग दादू (४) दादूपद (५) खाणी-वाणी ग्रन्थ
गोरखनाथ .. (पार्वती महादेवसंवाद) (६) ग्रभावली . (७) इन्द्रियदेवताविषयग्रन्य (८) गोरखनाथजोफी अष्ट परीक्षा (९) श्रीदत्तगोरखसंवाद ४६ शब्द (१०) गोरखनाथजीकी शब्दी
(११० शब्द) (११) गोरखवोध (गोरखमछेन्द्र संवाद)
६८-१००
१०१ - १०१ १०१-१०३ ज्ञानबोध जोग सिद्धान्त संपूरण समापता। .
१०४-११०
पृष्ठ ११५ तक ६३ शब्द फिर पृष्ठ १२६ पर. १२६-१३१ । १०७वें शब्दसे चालू और पृष्ठ १३१ B पर समाप्त ...
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