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[ १८
राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची]
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लिपिसमय पसंख्या
विशेष विवरण आदि
क्रमाङ्क
ग्रन्थनाम
६ (१६) त्रिलोचनको परचई
अनन्तदास
। १८४०
१४२-४३
:१४३-१४७, इसका भी कत्र्ता अनन्तदास १४७-२०४ २०४-२११ २११-२१६
१८४७१-५६
(१७) सेऊ-समनजीको परचई मंगल वा रघुनाथ (१८) पोपाजीको परचई
अनन्तदास (१६) छप्पय-कवित्त आदि
सेवादास (२०) तर्कचिन्तामणि
सुन्दरदास १० गुटका–२१ कृतियां (१) परसरामजीको वाणी ; परसराम निवादित्य-
संप्रदायी (२) सुवामाचरित्रको जोड़ो परसराम
११ कवित्त . (३) नाममाला (४) सर्वया ११ (५) साच निषेधलीला २० चौपाई (६) श्रीनाथलीला ३३ चौपाई (७) श्रीहरिलीला ४० चौपाई
हरिरंगका जोड़ तक
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११३ पद्य . २३-२८ . २८-८१
विधाम ३६ । बाई अनोपावाचानार्य लिखितं .
मन ना पालण्या पीसांगणमध्ये। . । ८१-१२६ / अनेक रागोंमें, ये बड़े कामफे पद हैं। १२६-१३३ / गुलपपरराफे वर्णनमें प्रणाम सखोभाये
। (८) हरि-गुरुस्मरण २७ पद गोविन्ददेवस्वामी (c) (अ) सद्गुरुप्रणाली चौपाई ३३ सुभगसणी रूपमंजरीशिष्याः ॥
(ब) सखी-नामरत्नावली । (१०) जुगलध्यान-नख-शिख २६ चौपैया ,
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१२३--१४१ /
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