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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान - विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह- सूची ]
क्रमाङ्क
ग्रन्थनाम
(5)
A
(१४) सुखसंवादजोगग्रन्थ (१५) जड़भरितचरितग्रन्थ (१६) गुनकठियारानामोग्रन्थ (१७) विचारमाला वेदान्त
(१८) मोहमरद राजाकी कथा (१६) दानलीला
( २० ) गुनकठियारानामोग्रन्थ
(२१) लघुताग्रन्थ ( संग्रह )
(२२) नरसीजीकी हुण्डी
(२३) फुटकर दोहादृष्टान्त ५३ दोहे
(२४) लालदासकी चिन्तावणी १९६
छंद
(२५) ध्रुवचरित्रग्रन्थ
(२६) नासंकेत भाषा ७.२१ दोहे
खेमदास रज्जब शिष्य
जनगोपाल
वाजिद
अनाथदास
कर्त्ताः
जगन्नाथदास
श्रीकृष्णदास
वाजिद
विविध
रतनवास
विविध
लालदास
जनगोपाल
दयालदास जगन्नाथदास
शिष्य
जनदयाल उपरोक्त
(२७) धर्मसंवाद
(२८) विरहविजरी ( राग सहा विला- सुरवास वल, २१ अन्तरे )
(२६) मीरांजी के पद २
मीरांबाई
लिपिममय
१८८५
33
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१.१
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22
23
पत्रसंख्या
२२०-२३६
२३६- २४६
|२४६-२५५
| २५५-२७१
२७१-२८१
| २८१-२८५
२८५-२६१ २६१-२६५
| २६५-२६५
| २६८-३०२
३०२-३०६
".
३०६-३३१ १८८६ ३३१-४००
विशेष विवरण आदि
[ १६
रचनाकाल - सं० १७२६ (= विश्राम में पूर्ण )
लि.क. माधवदास
८ विश्राम लि.क. माधवदास
१६ विश्राम में पूर्ण ।
रचनाकाल - १७३४ फागुण सुदि ५ लि.क.- मुकुन्दवास दर्शनदासशिष्य, गांव खारडियामध्ये |
४००-४२८ महाभारते यज्ञपर्वणि धर्मयुधिष्ठिरसंवाद, ४ अध्यायों में पूर्ण |
४२८-४२९ गोपी- उद्धवसंवाद "तुम तो प्राये जोग वृत ले दुसर हांसी को सहै"
४२६-४३० पद १ " भगति दुहेली हो श्रीजी राइ".