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________________ राजस्थान प्रापविधाप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्य-संग्रह-सूची] [ १५० लिपिसमय का अन्यनाम पत्रसंख्या विशेष विवरण आदि ६८५ । सोहागत माहात्म्य (मूल) सारोद्धारान्तर्गत १९५६ २२ १६५८२३ अष्टाध्यायात्मक । लि.क.-धनानाथ जोगी। , , शिवनारायण शर्मा, नवलदुर्ग । पञ्चाध्यायान्त। . ,, लि.फ.-विश्वेश्वर कान्यकुब्ज, जयपुर। ६६० पपपुराणान्तर्गत १६५६ २०वी.श. | १९५६ वाराहपुराणान्तर्गत १९५६ ब्रह्म , २०वीं.श. भविष्योत्तरपुराणान्तर्गत सारोद्वारगत नानापुराणसारोद्वारे জামিন মঞ্চায়ন 22. unar षष्ठाध्यायपर्यन्त। थमाध्याय । प्रेस कापीके रूपमें । ६६४ | फोटिफावर्णनम् ६६६ | भविष्योत्तरपुराणगत ६६५ लोहार्गलसम्बन्धी सामग्री | श्रीगणेश्वरमाहात्म्य (गालवाश्रमका माहात्म्य) ६६७ माधवेन्द्रशंसानिचय (माधवस्तुति) ६६८ लावणीसार. संग्राहक-पु.हरिनारायणजी लालागणेशलाल फर्रुखा-. यादी आदि हनूमानशरिचित भाषाटीकायुक्त, बालचंद प्रेस, जयपुर में मुद्रित । | इंग्लिश-हिन्दी-संस्कृत। । इसमें सभी रचनाएँ राधाकृष्णलीलाविहारको एवं रामायणादि भगवत्सम्बन्धी हैं। यह चुनी हुई लावनियोंका संग्रह है। (सं०) तीन कापियों में लिखी। चिपके हुए पन । - पारमलहरीको भाषाटोका कबीरजीफा ककहरा कबीर - - -
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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