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राजस्थान प्रापविधाप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्य-संग्रह-सूची]
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लिपिसमय
का
अन्यनाम
पत्रसंख्या
विशेष विवरण आदि
६८५ । सोहागत माहात्म्य (मूल)
सारोद्धारान्तर्गत
१९५६ २२ १६५८२३
अष्टाध्यायात्मक । लि.क.-धनानाथ जोगी। , , शिवनारायण शर्मा,
नवलदुर्ग । पञ्चाध्यायान्त।
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,, लि.फ.-विश्वेश्वर कान्यकुब्ज, जयपुर।
६६०
पपपुराणान्तर्गत १६५६
२०वी.श.
| १९५६ वाराहपुराणान्तर्गत १९५६ ब्रह्म ,
२०वीं.श. भविष्योत्तरपुराणान्तर्गत सारोद्वारगत नानापुराणसारोद्वारे জামিন মঞ্চায়ন
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षष्ठाध्यायपर्यन्त।
थमाध्याय । प्रेस कापीके रूपमें ।
६६४ | फोटिफावर्णनम्
६६६
| भविष्योत्तरपुराणगत
६६५ लोहार्गलसम्बन्धी सामग्री |
श्रीगणेश्वरमाहात्म्य (गालवाश्रमका
माहात्म्य) ६६७ माधवेन्द्रशंसानिचय (माधवस्तुति) ६६८ लावणीसार.
संग्राहक-पु.हरिनारायणजी लालागणेशलाल फर्रुखा-. यादी आदि
हनूमानशरिचित भाषाटीकायुक्त, बालचंद प्रेस, जयपुर में मुद्रित । | इंग्लिश-हिन्दी-संस्कृत। । इसमें सभी रचनाएँ राधाकृष्णलीलाविहारको
एवं रामायणादि भगवत्सम्बन्धी हैं। यह चुनी हुई लावनियोंका संग्रह है। (सं०) तीन कापियों में लिखी। चिपके हुए पन ।
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पारमलहरीको भाषाटोका कबीरजीफा ककहरा
कबीर
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