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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ] ...
विशेष विवरण प्रादि
लिपिसमय
कर्ता
पत्रसंख्या
ग्रन्थनाम
क्रमाङ्क
३५४ क्षमाषोडशी सटीक ...
मू. श्रुतप्रकाशिकाचार्यसुत | १९वीं.श. ६ वेदाचार्य, टी. अज्ञात गर्गप्रोक्त
| ये चारों पत्र २ स्फुट एवं विभिन्न कृतियों के हैं।
३५५ | सरस्वत्यष्टक .... ३५६ नारायणसूक्तभाष्यादि. ३५७ / (१) नारायणहृदयस्तोत्र
| (२) आद्यामहालक्ष्मोहृदयस्तोत्र ३५८ | सप्तशती (दुर्गा) नवार्णन्यासादि
अथर्वोत्तरखंडगत अथर्वरहस्यगत
१८७२१-५
६-२३ | १९वीं.श. ११
इसमें नवार्णन्यासविधि, सप्तशतीस्तोत्रन्यास, रात्रिसूक्त एवं देवीसूक्त अनुग्रह स्तोत्र लिखित है। (सं.) लि.क.-लक्ष्मीनारायण खंडेलवाल ब्राह्मण, जयपुर।
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अच्युतानन्दास्वाद चतुर्थनिग्रह पटल ।
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१६.१६ १८वी.श.
३५६ श्रीलक्ष्मीस्तव...
श्रीवत्साङ्क ३६० श्रीरामगायत्रीपञ्चन्यास ३.६१ . हरिनामषोडशी
. अद्वैताचार्यसंग्रहवात (?) ३६२ अष्टश्लोकी व्याख्यान
| वैष्णवदास ३६३ (१). विष्णुपञ्जरस्तोत्रम्
(२) लक्ष्मीनृसिंहमंत्रकवच ३६४ गारुडोपनिषत्
हरिहरब्रह्मप्रोक्त ३६५ प्रतिमानुषस्तोत्र (श्रीरंगराजस्तोत्र) सौम्यजामातृमुनि .
(अध्यात्मचिन्ता) .. ३६६ | श्रीवेङ्कटेशलक्ष्मी कवच ........ ... वाराहपुराणे शौनकप्रोक्त
सर्व प्रथम १५ पद्योंका विष्णुस्तोत्र है, तदनन्तर पञ्जरस्तोत्र । अपूर्ण।
४था
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१९वीं.श. २६