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राजस्थान प्राच्यविनाप्रतिष्ठान-विशाभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ] गन्यमाला
कर्ता
[ १२२ विशेष विवरण आदि ।
लिपिसमय | पत्रसंख्या
२०वी.श. २
पृ०
३०+१= | चोमूंके ठाकुर मनोहरसिंहजोका ऐतिहासिक
३१ पेज | वृत्त ।
महाराजा श्रीसवाई रागसिंहजी द्वितीय
| का इतिहास २६० | मनोहरचरित्र (छठा अध्याय) तथा | पं. हनुमानशर्मा द्वारा | हनुमानशर्माका १ पत्र
| संगृहीत २९१ | (१) राजपूतानेके कुछ ज्ञातव्य वृत्तान्त (२) रजवाड़ोंके झंने और राजचिह्न मुंशी देवीप्रसादजी द्वारा
संगृहीत २६२ / (१) भैरू कवि और उसकी कविता
सूर्यकरण पारीक (२) आश्चर्यकूप
पुरोहित हरिनारायणजी २६३ | राजस्थानी कविताएँ एवं लेख।
| रामनिवाप्त हारीत आदि (१) सहेलीने कागद (२) किणका .
ठाकुर रामसिंह तंवर (३) दूहा
बदरीप्रसाद आचार्य चन्द्रसिंह (बादलीवाला?)
मुरलीधर व्यास(लालानी) (६) फुलजारो हार
मनोहर शर्मा (७) नागर पान
जयशंकर (विद्याधर
शास्त्री ?) २९४ | भारथचरित्र
देवर्षि भट्ट मंडन कवि २९५ राठोडचरित्र
(४),
३रा ४था. ४था ५वां :
६ठा
लि.क.-धन्नालालात्मज भगवानशम निवासी। र.का०-१८७६ ।। लि.क.-धन्नालालात्मज भगवानशर्मा चौम- . . निवासी। र.का.-१८७६। .... लि.फ.-पुरोहित श्रीनारायण पंवालियावाला।
२९६ | राजपूतानेको रियासतोंका व्योरा
८६ पेज