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।१११.
राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ]
कर्ता
लिपिसमय | पसंख्या |
विशेप विवरण प्रादि ।
क्रमाङ्क
ग्रन्थनाम
१८९२४२
लि.क.-लीछमणराम कायस्थ ।
सभासारनाटक
२२१
कवि रघुरामभट्ट (कवि
| नागर मीसल नागरा) २२२ तसबीर वारैठ रामनाथजी रतनूकी
तथा कुबेरदानजीका पत्र १ २२३ | श्रीकृष्णविलास
कवि गुपालदान
२०वी.श.
१+१=२
१६०९५३
महाराजाधिराज भूप किसनेशकी प्राज्ञासे रचित । लि.फ.-गणेश जोशी प्राभावासनिवासी । लि.स्था.-नृसिंहपुरा। इसमें रामानुजकृत पंचकस्तोत्र, शङ्कराचार्यकृत सिद्धान्तविन्दु एवं दो अन्य कृतियां लिखित हैं।
२२४ निम्बार्कमंगलाष्टक आदि (भत शतक ?)
१९वीं.श.२
रचना-१७४३; अपूर्ण ।
२२५ / (१) ध्यानलीला
(२) पञ्चाध्याय (३) वनलीला (४) जुगति तरंगिणी सतसई (५) स्फुट कवित्त (परमारथ) (६) , कवित्त-दोहा
(७) दोहा दर्पण .२२६ / सामुद्रकग्रन्थ-भाषापद्यानुवाद
कुलपति मिश्र नन्ददास ? माधोदास कुलपति मिश्र | बनारसी आदि कवि पालम, गंग प्रादि दूनाराइ (?) शिवसिंह (राज) शेषावत
३-१४ १४-१६ १६-५२ ५३-५६ ५६-६७ ६८-७०
..२२७ / कवित्तसंग्रह, छंद १६२
र.का.-१८७५ । लि.क.-गोपीचंद शर्मा जयपुर। महताबचंद खारड़ जयपुरकी प्रतिसे लिपीकृत । .लि.क.-गोपीचन्द शर्मा, जयपुर।.