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.. रामपान प्रापिशाप्रतिष्ठान --- शियाभरण-गन्य-संग्रह-सूची ।
विशेप विवरण आदि
लिपिसमय पत्रसंख्या
कर्ता
अम्बनाम
१६४ शिशुयोग व्याकरण
"
१६६ इन्चरत्नावली ..
१६७ वैद्यकोपचारसंग्रह
१६६
१६८/ विष्णपूजनप्रयोग (संक्षिप्त) | नवरत्नकाव्यम् (पद्यात्मभाषानुवाद
सहितम्) ... २०० संडेलवालोंकी उत्पत्ति
फाशीनाथ १९६१ ११
लि.क.-रामप्रताप शर्मा, मनोहरपुरनिवासी। हरिरामदास निरंजनी । १८४८ .२३ | र.का.-१७९५ । स्थान-डीडवांणा । लि.क.डीडवाणिया
रुघनाथदास निरंजनी माधुपुरमध्ये। महाराज गसिंह
र.का.-१६६५ । लि फ.-सुखदेव । इस प्रथमें स्वर्णादिधातु बनानेको भी विधि लिखित
और पाकादिका विस्तृत वर्णन है । (सं०) | १९वी.श.६ | २०वीं श. १२ इसमें पाये हुए एक पडके अनुवादक पं.
सरयूप्रसाद मिश्र हैं ? श्रीहरिनारायणजी
लि.फ.-श्रीनारायण पुरोहित । पुरोहित
१९७२ १० कवि नरपति । १९७३ .५३ लि.फ.-श्री गणेश, श्री हरिनारायणजी पुरो
हितजी पठनार्थ । पुरोहित, हरिनारायणजी
१२+६-१८. संगृहीत
| पेज अनुवादक- हरिनारा- २०वीं श. ४
दिनाङ्क-७-२-१९१४ ई. राजपूतगजटसे मुंशी यणजी पुरोहित
देवीप्रसादजी द्वारा उर्दू में उद्धृत। .... पण्डितराजकी जीवनीका विश्लेषणात्मक संस्कृतलेख। : ................
२०१/ जैनी खंडेलवालोंके, १४ गोत्र २०२ विक्रमादित्यकथा
हरिसारिणी (कवित्तरामायणसार
माला) १०६ छन्द ,२०४ गोगा चोहान (गोगा पोर)
२०५ पण्डितराजजगन्नायः