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________________ [ ६७ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची]... - - - - eas विशेष विवरण आदि लिपिसमय पत्रसंख्या • कर्ता ग्रंन्थनाम क्रमाङ्क १४५ | हमीरायण . घेम (?) १४६ " १४७ (१) रूपमञ्जरी कवि नन्ददास १९८५ १५७ पेज | लि.क.-गोपीचंद शर्मा गौड जयपुर। १७८४ संवतकी प्रतिसे लिपीकृत।। २०वीं.श.५० , . १६९६२१ , लि.क.-गोपीचंद शर्मा। १७९१की प्रतिसे लिपीकृत। २०वीं.श. १ लि.क.-गोपीचंद शर्मा। ३२ संस्कृतभाषावद्ध। (२) छप्प दशों अवतारोंके तुलसीदास १४८ वैदिकवैष्णवसदाचार । हरेकृष्ण मिश्र (जयति- हीयप्राड्विवाक) - १४९ / माधवसिंहाशितक (माधवविलास) / श्याम लट्ट, १९७३४४ कुलपति मिश्र रसरहस्य १२ हरिध्यानम् १५२ / नबाव खानखानाकी बरवै १५३ | स्वामी जगजीवनदासजीकी वाणी १५४ गुनगंजनामा (कवितासंग्रह) नबावं खानखाना जगजीवनदास १९७२ २०वीं.श. १९८३ २००१ संस्कृतभाषावद्ध, पूना. भाण्डारकर पोरियन्टल रिसर्च इंस्टीटयूटकी १८३४को प्रतिसे लिपीकृत है । र.का.-१८१२ जयपुर। लि.क -गणेशनाह्मण। चतुर्भुज कविकी सं. १६०५ वाली प्रतिसे. लिपीकृत । लि.क.-श्री हरिनारायणजी पुरोहित । केवल ४४ पद्य ही लिखित हैं। लि.क.-ज्योतिषी कुंजबिहारी जयपुर । १६२ कवियोंकी कविताओंका संग्रह । संवत् १८५३की प्रतिसे लिपीकृत। नोट-इन १६२ कवियोंमें ६ कवियोंके नाम संभवत: दुबारा लिखे गये हैं । अतः यह समझना चाहिये कि १५६ कवियोंकी कविताए तो निश्चयपूर्वक इस ग्रन्थ में संग्रहीत हैं । इसका ३८५ १ला १ दादू । २ जगजीवन ३ कवीर । ४ चैन ५ रज्जब - -
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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