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________________ राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची ] कर्ता ग्रन्थनाम क्रमाङ्क विशेष विवरण प्रादि .. | लिपिसमय पत्रसंख्या (७७) । (२) बारहमासी १२ छन्द । मुरलीदास १९वीं श. २०-२६ . (३) बारहमासी १२ छन्द : अज्ञातकत्तू । (४) बारहमासी १३ कवित्त काशीराम (५) बारहमासी १२ कड़खा छन्द मगनजी (६) बारहमासी १२ दोहे तथा १२ रघुकवि. झूलणा छन्द २६-२८ २८-३५ ३५-४२ ४२-५० । प्रत्येक छन्दके. अन्तमें 'या ते भनत मुरलीदास बलि जाऊँ'. यह अन्तरा हींगलूसे लिखा हुआ है और मीलानका टुकड़ा पाता है। ... आषाढ़ माससे जेठ तकका वर्णन है। .. .. .. कवित्तोंमें कविता अच्छी है। .. .... गोपी-प्रेम, कृष्ण-मिलनका वर्णन है। | पत्नी द्वारा चतुराईसे पतिको बारह मास तक बिलमा कर विदेश गमनसे रोक रखनेका वर्णन है। . (७) बारहमासी १३ चौपाई (८) .. १२ छन्द .. भवानीदास लालदास वेणीमाधव ५०-५४ ५४-५८ ५८-६२ साधारण रचना है। कविता हीन और चिन्त्य है। यह प्रख्यात बारहमासी है। लिपिकार भिन्न है। (सं.) . दीमक खाया हुआ और अपूर्ण है। ... अपूर्ण । छोटा दीमक खाया हुआ फटा गुटका; ८४५ अंगुल, पाने थोड़ेसे, साधारण रचनामें ऊंचा ज्ञान । :.. : : ७८ | गुटका(१) रूपदासजीकी बाणी (लच्छ- रूपदास, चरणदासशिष्य अलच्छ-जोगग्रन्थ) दहा ५, छंद ६३, चौपई ४; सर्व ७२ । ... (२) मनसुख ग्रन्थ दोहा ३३; चौपई ! ५; कुंडलिया ४ (३) रजमाबोध ..(४). फुटकर साखी . ... ... ... . ".. ४३-७५
SR No.010606
Book TitleVidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1961
Total Pages225
LanguageHindi
ClassificationCatalogue
File Size9 MB
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